क्या ठाकरे बंधुओं के मिलन का फायदा यूबीटी राजनीति में उठाने की कोशिश कर रही है?: राजू वाघमारे

सारांश
Key Takeaways
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकात ने सियासी हलचल मचाई।
- राजू वाघमारे का बयान, यूबीटी इस मिलन का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
- महाराष्ट्र सरकार की स्थिति मजबूत है, कोई आर्थिक दबाव नहीं है।
मुंबई, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकात ने सियासत में हलचल मचा दी है। शिवसेना के नेता राजू वाघमारे ने कहा कि इस भाइयों के मिलन का यूबीटी राजनीति में लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
राजू वाघमारे ने कहा कि, "मेरे विचार में, दोनों भाई मराठी मुद्दों पर एक साथ आए हैं, और यह पारिवारिक रिश्तों में सुधार का संकेत है। एक भाई का जन्मदिन है, और दूसरा भाई वहाँ उपस्थित है, यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन जिस प्रकार से मीडिया में इसे प्रचारित किया जा रहा है, उससे यह लगता है कि यूबीटी इस मिलन का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। राज ठाकरे पर यूबीटी का दबाव है कि वह किसी भी स्थिति में मुंबई महानगर पालिका चुनाव में गठबंधन करें। यदि गठबंधन नहीं होता है, तो यूबीटी के आठ से दस नगरसेवक भी जीतकर नहीं आएंगे। अस्तित्व में बने रहने के लिए किसी न किसी के साथ युति करनी पड़ेगी। कांग्रेस ने पहले ही पूरी तरह से मना कर दिया है। यदि राज ठाकरे उनके साथ नहीं जाते हैं, तो यूबीटी की स्थिति बहुत खराब होने वाली है। शायद इसीलिए पारिवारिक संबंधों का राजनीतिक उपयोग करने की तैयारी यूबीटी कर रही है। हालांकि, शिवसेना पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
वहीं, एनसीपी (सपा) नेता एकनाथ खडसे के दामाद को पुणे में रेव पार्टी में हिरासत में लिए जाने पर राजू वाघमारे ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि वह स्वयं नहीं, बल्कि उनके दामाद पकड़े गए हैं। दामाद के कृत्य के लिए नेता को जिम्मेदार ठहराना गलत है, यह दामाद का व्यक्तिगत जीवन है। यदि वह रेव पार्टी में पकड़े गए हैं, तो पुलिस पूरी जांच करेगी और यदि दोषी पाए जाते हैं, तो कानूनी कार्रवाई होगी।
प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर उन्होंने कहा कि सरकार पर कोई आर्थिक दबाव नहीं है। महाराष्ट्र सरकार की स्थिति बहुत मजबूत है। प्रदेश में विकास का कार्य हो रहा है। विरोधी दलों ने इस पर भ्रम फैलाया है।