क्या थायराइड छोटी सी ग्रंथि पूरे शरीर का सिस्टम हैक कर सकती है?

सारांश
Key Takeaways
- थायराइड ग्रंथि शरीर के महत्वपूर्ण हार्मोनों का निर्माण करती है।
- इसकी कमी से हाइपोथायरायडिज्म और अधिकता से हाइपरथायरायडिज्म
- रोजाना पैदल चलना थायराइड के लिए फायदेमंद है।
- आयोडीन युक्त आहार का सेवन करें।
- योग और प्राकृतिक औषधियाँ मदद कर सकती हैं।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारा शरीर मांसपेशियों, हड्डियों, धमनियों, उत्तकों और रक्त वाहिकाओं का एक जटिल जाल है, जिसमें हर अंग की कार्यप्रणाली अद्वितीय होती है। गले के पास स्थित एक तितली जैसी ग्रंथि शरीर के अधिकांश अंगों पर प्रभाव डालती है।
इस महत्वपूर्ण अंग को थायराइड ग्रंथि कहा जाता है, जो शरीर में आवश्यक हार्मोन का निर्माण करती है।
थायराइड ग्रंथि थायरोक्सिन, ट्राईआयोडोथायरोनिन और कैल्सीटोनिन हार्मोन का निर्माण करती है। ये तीनों हार्मोन शरीर के विभिन्न कार्यों को संचालित करते हैं। थायरोक्सिन मस्तिष्क के विकास में मदद करता है, हृदय की धड़कन को नियंत्रित करता है, और यकृत तथा गुर्दे के कार्य में सहायता करता है। वहीं ट्राईआयोडोथायरोनिन शरीर के विकास में सहायक होता है, तापमान को सही बनाए रखता है, मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है, और सूजन को बढ़ने से रोकता है। इन हार्मोनों की कमी से हाइपोथायरायडिज्म और अधिकता से हाइपरथायरायडिज्म होता है।
थायराइड ग्रंथि संबंधित समस्याओं के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी, वजन में अचानक वृद्धि या कमी, शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन, बालों का झड़ना, चिड़चिड़ापन, निरंतर थकान, हृदय की अनियमित धड़कन, और आंखों से पानी आना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो गले में एक उभार आ सकता है, जिससे खाना खाने और सांस लेने में कठिनाई होती है। यह कैंसर का रूप भी ले सकता है।
थायराइड ग्रंथि संबंधित बीमारियों को हल्के में न लें, इसके उपचार के तरीके सरल हैं। थायराइड जीवनशैली से जुड़ी एक बीमारी है, जिसे जीवनशैली में बदलाव करके नियंत्रित किया जा सकता है। थायराइड के लिए पैदल चलना बेहद फायदेमंद है। नियमित चलने से इस रोग को रिवर्स किया जा सकता है।
आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन इसमें आवश्यक है। यह समस्या अक्सर आयोडीन की कमी के कारण होती है। आयोडीन को समुद्री भोजन से प्राप्त किया जा सकता है, और आयोडीन युक्त नमक का उपयोग करें। अर्जुन की छाल भी थायराइड के उपचार में सहायक होती है, क्योंकि यह हृदय की धड़कन को नियंत्रित करती है और वजन को नियंत्रित करती है। इसे पाउडर या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है।
हरी सब्जियां और हरे धनिये में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इस ग्रंथि को सही तरीके से हार्मोन बनाने में मदद करते हैं। धनिये को पानी में मिलाकर या इसकी चटनी बनाकर सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, गिलोय, अश्वगंधा, और योग भी इसे संतुलित करने में मदद करते हैं।