क्या त्रिपुरा सरकार एंजल चकमा के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देगी?

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क्या त्रिपुरा सरकार एंजल चकमा के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देगी?

सारांश

त्रिपुरा सरकार ने एंजेल चकमा के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। यह निर्णय देहरादून में घटित एक जघन्य हत्या के बाद लिया गया है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने आश्वासन दिया है कि सभी दोषियों को सजा मिलेगी।

Key Takeaways

  • एंजेल चकमा का मुआवजा 5 लाख रुपए की स्वीकृति
  • हत्या के मामले में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी
  • समाज में बढ़ती नफरत भरी हिंसा की चिंता
  • मुख्यमंत्री का परिवार के प्रति समर्थन
  • राजनीतिक नेताओं की निंदा और न्याय की मांग

अगरतला, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को यह ऐलान किया कि त्रिपुरा सरकार ने राज्य के छात्र एंजेल चकमा के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्णय लिया है। एंजेल चकमा को देहरादून में बर्बरता से हमला किया गया था, और 26 दिसंबर को अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई थी।

मुख्यमंत्री साहा ने दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में 24 वर्षीय त्रिपुरा के छात्र की हत्या के मामले पर चर्चा की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कदम उठाने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट में कहा, “आज शाम मैंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दिवंगत एंजेल चकमा के मामले पर बात की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। इस दुखद घड़ी में हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।”

गृह मंत्रालय का प्रभार भी माणिक साहा के पास है। उन्होंने कहा, “त्रिपुरा सरकार की ओर से परिवार को 5 लाख रुपए की एकमुश्त वित्तीय सहायता देने का फैसला किया गया है।”

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने शनिवार को भी इस घटना के बारे में उत्तराखंड के सीएम से बात की थी। धामी ने तब साहा को बताया था कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।

अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के अनुसार, उत्तराखंड के एक विश्वविद्यालय में एमबीए के अंतिम वर्ष के छात्र और सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल के बेटे ने 26 दिसंबर को देहरादून के अस्पताल में चोटों के कारण दम तोड़ दिया।

चकमा आदिवासी समुदाय से संबंधित यह छात्र 9 दिसंबर को बदमाशों के एक समूह के हमले में गंभीर रूप से घायल हुआ था, जिन्होंने कथित तौर पर नस्लीय टिप्पणियाँ की थीं।

इस जघन्य घटना ने पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी आक्रोश फैलाया है। जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस के उपनेता और असम से सांसद गौरव गोगोई, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, और कई संगठनों ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे एक “भयानक नफरत भरा अपराध” करार दिया है।

भाजपा के सहयोगी, टिपरा मोथा पार्टी के सुप्रीमो प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष आशीष कुमार साहा, मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपल्स पार्टी, ऑल इंडिया चकमा स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुरी स्टूडेंट्स फेडरेशन, त्रिपुरा के ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन और कई अन्य संगठनों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की और अपराधियों को सजा देने की मांग की। रविवार को कई युवा और छात्र संगठनों ने उत्तराखंड के देहरादून में एंजेल चकमा पर हुए बेरहम हमले और उसके बाद हुई मृत्यु के विरोध में अगरतला में कैंडल मार्च निकाला।

एंजेल चकमा का शव शनिवार को अगरतला लाया गया और रविवार को उनाकोटी जिले के माछमारा गांव में उनके पैतृक घर में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

Point of View

बल्कि समस्त भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। नफरत भरी हिंसा और नस्लीय हमलों से समाज में बढ़ती दरिद्रता को समझना और उससे निपटना आवश्यक है। एक सशक्त और समरस समाज के लिए हमारे राजनीतिक नेताओं को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

एंजेल चकमा कौन थे?
एंजेल चकमा त्रिपुरा के एक छात्र थे जो एमबीए के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहे थे।
यह हत्या कब हुई?
यह हत्या 26 दिसंबर को हुई थी।
त्रिपुरा सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
त्रिपुरा सरकार ने एंजेल चकमा के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्णय लिया है।
इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है?
इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच चल रही है।
समाज में इस घटना का क्या असर पड़ा है?
इस घटना ने पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी आक्रोश फैलाया है।
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