क्या हमास गाजा पीस प्लान पर सहमति देगा? ट्रंप का तीन-चार दिन का समय

सारांश
Key Takeaways
- गाजा पीस प्लान में हमास को कई शर्तें स्वीकार करनी होंगी।
- ट्रंप ने हमास को तीन या चार दिन का समय दिया है।
- इजराइली पीएम नेतन्याहू का कहना है कि आईडीएफ गाजा नहीं छोड़ेगा।
- हमास को भविष्य में किसी भूमिका से वंचित किया जाएगा।
- शांति प्रक्रिया में अरब देशों का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
वाशिंगटन, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे गाजा पीस प्लान पर हमास को सहमति देने के लिए "तीन या चार दिन" का समय देंगे।
मंगलवार को व्हाइट हाउस से बाहर निकलते समय उन्होंने पत्रकारों को बताया कि इजराइली और अरब नेता इस योजना पर सहमत हैं और "हम बस हमास का इंतजार कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि हमास के पास प्रतिक्रिया देने के लिए लगभग "तीन या चार दिन" हैं। उन्होंने दोहराया कि "हमास इसे अपनाएगा या नहीं, और यदि नहीं, तो इसके परिणाम बहुत दुखद होंगे।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या शांति योजना पर बातचीत की कोई गुंजाइश है, ट्रंप ने कहा, "ज्यादा नहीं।" यह ध्यान देने योग्य है कि सोमवार को नेतन्याहू और ट्रंप के बीच गाजा संकट को समाप्त करने के लिए सहमति बनी थी।
राष्ट्रपति ट्रंप की 20 प्वाइंट योजना में हमास के लिए कई शर्तें रखी गई हैं। योजना में कहा गया है कि हमास के लड़ाकों को अपने सभी हथियार छोड़ने होंगे। साथ ही, हमास की सुरंगों और हथियार निर्माण सुविधाओं को नष्ट कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही योजना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि हमास को भविष्य की सरकार में किसी भी प्रकार की भूमिका नहीं दी जाएगी।
इससे पहले, समझौते के कुछ समय बाद ही इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के जरिए यह स्पष्ट किया कि आईडीएफ गाजा नहीं छोड़ेगा। अमेरिका यात्रा के दौरान एक वीडियो बयान में, नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ तैयार की गई योजना के तहत आईडीएफ "अधिकांश क्षेत्र में बना रहेगा" और इजरायल फिलिस्तीन को मान्यता देने पर "बिल्कुल भी सहमत नहीं" है।
नेतन्याहू ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक यात्रा थी। हमास के कारण हमें अलग-थलग करने के बजाय, हमने पलटवार किया और हमास को अलग-थलग कर दिया। अब अरब और मुस्लिम जगत सहित पूरी दुनिया हमास पर उन शर्तों को स्वीकार करने का दबाव बना रही है जो हमने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर रखी थीं: हमारे सभी बंधकों को रिहा करना इसमें शामिल है, जबकि आईडीएफ अधिकांश क्षेत्र में बना रहेगा।"