क्या आसियान समिट में ट्रंप ने मलेशिया में पीएम इब्राहिम का धन्यवाद किया?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने मलेशिया के पीएम को धन्यवाद दिया।
- मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन चल रहा है।
- कंबोडिया और थाईलैंड के बीच शांति समझौता होगा।
- ट्रंप ने द्विपक्षीय वार्ता करने की योजना बनाई है।
- यह यात्रा एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने का प्रयास है।
वाशिंगटन, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है। इस मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को मलेशिया पहुंचे। मलेशिया एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया।
यह यात्रा राष्ट्रपति ट्रंप के लिए लगभग 24 घंटे की थी। इस दौरान दो बार ईंधन भरने के बाद, एयर फोर्स वन रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे के आसपास कुआलालंपुर में उतरा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष को समाप्त करने में मलेशिया की भूमिका के लिए पीएम इब्राहिम अनवर को धन्यवाद देने के लिए कुआलालंपुर में रुक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शनिवार को कुआलालंपुर पहुंचने पर कंबोडिया और थाईलैंड के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर होंगे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस समिट के मुख्य मंच का हिस्सा नहीं बनेंगे, बल्कि द्विपक्षीय बैठक करेंगे। मलेशिया इस आसियान शिखर सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है, जो दक्षिण एशियाई देशों का एक सम्मेलन है।
ट्रंप ने एयर फोर्स वन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मलेशिया ने हमारी मदद की। मैं इसलिए मलेशिया जा रहा हूं क्योंकि वे इस मामले में बहुत करीब से जुड़े हुए थे - थाईलैंड और अन्य। मैंने मलेशिया के नेता से कहा, 'मुझे लगता है कि मुझे आपका दौरा करना चाहिए,' और इसीलिए हम मलेशिया में रुक रहे हैं। वे एक बहुत अच्छे इंसान हैं।"
शनिवार को मलेशिया, कंबोडिया और थाईलैंड के नेताओं के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की पहली एशिया यात्रा में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों के बीच आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आधारित समझौते हो सकते हैं।
ट्रंप ने शनिवार रात (स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह) तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा पर मलेशिया पहुंचे।
अमेरिकी राष्ट्रपति अक्सर 7 युद्धों को समाप्त करने का दावा करते हैं। हाल ही में उन्होंने गाजा में हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम करवाया। उन्होंने कहा है कि जिस संघर्ष का समाधान सबसे कठिन रहा है वह यूक्रेन और रूस का युद्ध है, जो चीन के नेता शी जिनपिंग के साथ इस यात्रा के महत्वपूर्ण एजेंडे में होगा।