क्या ट्रंप ने भारत के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाने के लिए एनडीएए पर हस्ताक्षर किए?
सारांश
Key Takeaways
- 890 बिलियन डॉलर का रक्षा खर्च
- भारत के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ावा
- क्वाड के माध्यम से संबंधों को मजबूत करना
- समुद्री सुरक्षा को एक विशेष क्षेत्र के रूप में पहचानना
- 1 अरब डॉलर की ताइवान सुरक्षा सहयोग की स्वीकृति
वॉशिंगटन, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वित्त वर्ष 2026 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एक महत्वपूर्ण रक्षा कानून है, जिसमें वॉशिंगटन की इंडो-पैसिफिक नीति के तहत भारत के साथ अमेरिकी सैन्य सहयोग को बढ़ाने और क्वाड के माध्यम से संबंधों को मजबूत करने का उल्लेख किया गया है।
इस कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 890 बिलियन डॉलर के खर्च की स्वीकृति दी गई है। यह अमेरिका को भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का निर्देश देता है, जिसमें क्वाड सुरक्षा संवाद के जरिए एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की बात शामिल है।
ट्रंप ने इस कानून पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि इससे उनके 'युद्ध विभाग' को "ताकत के जरिए शांति" की नीति पर कार्य करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह कानून देश को बाहरी और आंतरिक खतरों से सुरक्षित रखने में सहायक होगा और रक्षा उद्योग को और मजबूत बनाएगा। इसके साथ ही, यह कानून उनकी सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों को स्थायी कानूनी रूप देगा।
इस कानून में भारत के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने, सैन्य अभ्यासों में अधिक भागीदारी, रक्षा व्यापार को बढ़ाने और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत में करीबी सहयोग की बात की गई है। इसमें समुद्री सुरक्षा को भी अमेरिका-भारत सहयोग के लिए एक विशेष क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।
स्टेट डिपार्टमेंट को कानून बनने के 180 दिनों के भीतर कांग्रेस को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और इसके बाद हर साल 5 वर्षों तक रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट में अमेरिका दो मुख्य बातें जांचेगा: भारत और रूस के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग और रूस की सेना की गतिविधियों का हिंद-प्रशांत और अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव।
इसके अतिरिक्त, एनडीएए स्टेट डिपार्टमेंट के तहत हिंद महासागर क्षेत्र के लिए एक एम्बेसडर-एट-लार्ज की नियुक्ति की अनुमति देता है। यह पद हिंद महासागरीय देशों में अमेरिका के कूटनीतिक प्रयासों का समन्वय करेगा और इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
कानून में ताइवान की सुरक्षा सहयोग के लिए 1 अरब डॉलर की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, चीनी सैन्य कंपनियों को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए तीसरे देशों का प्रयोग करने से रोकने के प्रावधान हैं।
रणनीतिक मुद्दों के अलावा, एनडीएए ने यूएस सर्विस मेंबर्स के लिए 3.8 प्रतिशत वेतन वृद्धि की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही, आवास, स्वास्थ्य देखभाल और बच्चे की देखभाल के लिए फंडिंग और रक्षा विभाग के सिविलियन कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रावधान शामिल हैं।
यह एनडीएए कानून पिछले 60 वर्षों से हर साल पारित होता आया है। यह अमेरिका की रक्षा नीति और खर्च की प्राथमिकताओं को निर्धारित करता है। इस बार के वित्त वर्ष 2026 में भारत के साथ बढ़ते सैन्य, परमाणु और क्षेत्रीय सहयोग को औपचारिक रूप से अमेरिकी रक्षा कानून का हिस्सा बनाया गया है।