क्या त्योहारी सीजन के मद्देनजर वक्फ कानून विरोध प्रदर्शन स्थगित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- वक्फ कानून के विरोध प्रदर्शन स्थगित किए गए हैं।
- त्योहारी सीजन के दौरान सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का प्रयास।
- उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा गंभीर है।
- किसानों को बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।
- सरकार से राहत की मांग की गई है।
मुंबई, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने वक्फ कानून के संबंध में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने पहले वक्फ कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। यह प्रदर्शन कुछ समय तक जारी रहा, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। अब बोर्ड ने ३ अक्टूबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने का निर्णय लिया है, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो। यह कदम सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है।
वारिस पठान ने उत्तर प्रदेश की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न तो संविधान का सम्मान करते हैं और न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का पालन करते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अराजकता का माहौल है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन के लिए खतरा बन गई है। प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
इसके अतिरिक्त, वारिस पठान ने हाल ही में महाराष्ट्र में आई भयंकर बाढ़ पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य में भारी तबाही मचाई है, खासकर किसानों को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं और कई किसानों की आजीविका संकट में है। मैं महाराष्ट्र सरकार से प्रभावित किसानों को तुरंत राहत और मुआवजा देने की मांग करता हूं।
उन्होंने कहा कि सरकार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज करना चाहिए और किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। जनसमस्याओं को अनदेखा करना लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।