क्या उज्जैन में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का अभियान सफल हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- अवैध निर्माणों को हटाने का अभियान उज्जैन में जारी है।
- महाकालेश्वर मंदिर के निकट निर्माण कार्यों पर कार्रवाई हो रही है।
- पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई से अभियान को गति मिल रही है।
- सिंहस्थ के मद्देनजर विकास कार्य तेज किए जा रहे हैं।
- लीज नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है।
उज्जैन, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अवैध निर्माण कार्यों को खत्म करने का अभियान जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर परिसर के निकट अवैध निर्माण कार्यों को ध्वस्त किया गया।
जानकारी के अनुसार, श्री महाकाल मंदिर के 500 मीटर के दायरे में आने वाले बेगमबाग कॉलोनी में नियमों के विरुद्ध किए गए निर्माण कार्यों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण, नगर निगम और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम काम कर रही है।
इस अभियान में पांच जेसीबी मशीन और चार पोकनेल मशीन का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) एलएन गर्ग ने बताया कि बेगमबाग क्षेत्र में जिन्होंने लीज नियमों का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। पांच प्लॉट पर बने दो होटल, रेस्टोरेंट सहित 11 भवनों और दुकानों को ध्वस्त किया जा रहा है।
सूचना के अनुसार, बेगमबाग मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और पिछले तीन महीनों में यहां चौथी बार कार्रवाई की जा रही है। कुल 28 संपत्तियां चिन्हित की गई हैं, जिन पर 60 से अधिक निर्माण कार्य किए गए हैं। उज्जैन विकास प्राधिकरण ने लोगों को लीज पर भूखंड दिए थे, लेकिन जिन लोगों ने लीज को नवीनीकरण नहीं कराया और कई ने अपनी संपत्ति या भूखंड अवैध रूप से बेच दिया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
कई भूखंड मालिकों ने प्राधिकरण से नोटिस मिलने के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई की जा रही है।
उज्जैन में वर्ष 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होने वाला है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। यहां आने वालों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जो भी अतिक्रमण आवागमन में बाधक है, उन सभी को हटाया जा रहा है। सिंहस्थ के मद्देनजर यहां कई विकास कार्य चल रहे हैं, जैसे क्षिप्रा नदी के घाटों का निर्माण।