क्या यूकेडी का प्रदर्शन यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में सरकार को जगाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- यूकेडी का प्रदर्शन युवा मुद्दों पर जागरूकता बढ़ा रहा है।
- सरकार को युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए।
- सीबीआई जांच की मांग एक महत्वपूर्ण कदम है।
- नकल विरोधी कानून की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
- संघर्ष का यह चरण युवाओं के लिए प्रेरणादायक हो सकता है।
उत्तरकाशी, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में बुधवार को उत्तराखण्ड क्रान्ति दल (यूकेडी) ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया।
नगर अध्यक्ष सुरजीत सिंह राणा की अगुवाई में यूकेडी कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में २१ सितंबर को आयोजित परीक्षा को तुरंत रद्द करने और दोषियों के खिलाफ सीबीआई जांच कराने की मांग की गई।
यूकेडी ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को फिर से सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है। संगठन ने याद दिलाया कि सरकार ने पहले नकल विरोधी कानून बनाया था और आश्वासन दिया था कि ऐसी घटनाएँ दोबारा नहीं होंगी, लेकिन अब वही वादाखिलाफी सामने आई है।
नगर अध्यक्ष सुरजीत सिंह राणा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह युवाओं के साथ धोखा कर रही है और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि परीक्षा को रद्द नहीं किया गया और दोषियों के खिलाफ सीबीआई जांच नहीं कराई गई, तो यूकेडी एक बड़े जन आंदोलन की घोषणा करेगी।
यूकेडी कार्यकर्ताओं ने कहा कि संगठन हर स्तर पर संघर्ष करेगा और युवाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाएगा। उनका यह भी कहना था कि सरकार की वादाखिलाफी को उजागर किया जाएगा और युवा शक्ति के माध्यम से न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए वे सड़कों पर आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
इस अवसर पर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में यूकेडी कार्यकर्ताओं ने उग्र आंदोलन करते हुए जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी मार्केट क्षेत्र से जुलूस बनाकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और सरकार के खिलाफ विरोध जताया। आंदोलन में बेरोजगार संघ के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। ज्ञापन सौंपते समय उन्होंने स्पष्ट किया कि परीक्षा में अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दिलाना आवश्यक है।