क्या मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने 'लाड़ली बहना' योजना के लाभार्थियों को गाय देने का प्रस्ताव रखा?
सारांश
Key Takeaways
- गौ संरक्षण और शराबबंदी को एक साथ जोड़ने की पहल।
- 'लाड़ली बहना योजना' के लाभार्थियों को गाय देने का प्रस्ताव।
- आय में वृद्धि का संभावित लाभ।
- दूध उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य।
- पशुधन संसाधनों के विकास का महत्व।
भोपाल, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को कहा कि राज्य में गाय के दूध की खपत को बढ़ावा देने के लिए गौ संरक्षण और शराबबंदी को एक साथ लागू किया जाना चाहिए।
उमा भारती ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य राज्य के लोगों को शराब के बजाय गाय का दूध पीने के लिए प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से लोग गाय पालने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी।
यह बयान उन्होंने भोपाल में आयोजित 'गौ संवर्धन' कार्यक्रम के दौरान दिया, जिसे मां बेटी बाई फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उमा भारती ने कहा कि हम गौ संरक्षण को बढ़ावा देने और लोगों को शराब पीने से हतोत्साहित करने के लिए एक अभियान चलाएंगे। हमें राज्य के हर घर में गायों की संख्या बढ़ानी होगी।
इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार लाड़ली बहना योजना के प्रत्येक लाभार्थी को कम से कम एक गाय उपलब्ध कराए।
उमा भारती ने कहा कि गाय उपलब्ध कराने से लाभार्थियों की आय 3,000 रुपए से बढ़कर 8,000-10,000 रुपए प्रति माह हो जाएगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।
पशुधन संसाधनों के विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में लगभग हर सात व्यक्तियों के लिए एक गाय है।
उमा भारती ने दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों के लिए वित्तीय लाभ सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की भी सराहना की।