क्या उमर अब्दुल्ला के बयान से 'विकसित भारत जी-राम जी' बिल को लेकर विवाद बढ़ेगा?
सारांश
Key Takeaways
- उमर अब्दुल्ला ने विधेयक की आलोचना की।
- अशोक कौल ने सीएम पर निशाना साधा।
- विधेयक का नाम बदलने पर सवाल उठे।
- राजनीतिक विवाद बढ़ सकता है।
श्रीनगर, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 'विकसित भारत जी-राम जी' विधेयक की आलोचना की है। उनके इस बयान पर जम्मू-कश्मीर भाजपा के महासचिव अशोक कौल ने शनिवार को सीएम अब्दुल्ला पर निशाना साधा और विधेयक को मजहब के नाम से देखने का गंभीर आरोप लगाया।
अशोक कौल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "उमर अब्दुल्ला ने इस विधेयक को कैसे देखा है, यह समझ से परे है। महात्मा गांधी ने भी अपनी अंतिम सांस के समय भगवान राम का नाम लिया था। यह बात सही नहीं है कि महात्मा गांधी का नाम हटाने के लिए विधेयक लाया गया है। समय-समय पर विधेयक में बदलाव होना स्वाभाविक है।"
कौल ने आगे कहा, "विधेयक में कुछ नई बातें जोड़ी गई हैं और नए बदलाव किए गए हैं। स्वाभाविक रूप से जब विधेयक में बदलाव होता है तो उसका नाम भी बदलता है। हमने महात्मा गांधी के अंतिम शब्द 'हे राम' के नाम पर विधेयक का नाम रखा है।" उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर विधेयक को मजहब के नाम से देखने का आरोप लगाया।
असल में, मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत—गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' करने पर विपक्ष ने सरकार पर हमला किया है। इस बीच, उमर अब्दुल्ला ने भी विधेयक की आलोचना की और इसके नाम पर आपत्ति जताई। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने विधेयक का नाम किसी बॉलीवुड फिल्म के नाम जैसा बताया।
अब्दुल्ला ने कहा, "यह नाम कहां से आया? मुझे खेद है, लेकिन विधेयक का नाम सोच-समझकर रखना चाहिए। यह मुझे एक पुरानी बॉलीवुड फिल्म 'जी मम्मी जी' की याद दिलाता है।" उन्होंने कहा कि शायद कई लोग वह फिल्म नहीं जानते होंगे, लेकिन उनके भांजे ने जरूर देखी है। जी राम जी। क्या यह किसी विधेयक का नाम है?"
अब्दुल्ला ने योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने को गलत ठहराया और कहा, "पहले आपने महात्मा गांधी का नाम हटा दिया, जो गलत है। फिर, आपने इस योजना का बोझ राज्यों पर डाल दिया है। इस विधेयक में कई बदलाव हैं जो हमारे जैसे राज्यों के लिए हानिकारक होंगे और हमें कोई लाभ नहीं होगा।"