क्या यूएन राजदूत ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया और एकता एवं पर्यावरण की सराहना की?
सारांश
Key Takeaways
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा एक महत्वपूर्ण घटना है।
- डॉ. अफेदी ने प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा की।
- यह स्थान वैश्विक पर्यटन को बढ़ावा देता है।
- प्रकृति और स्वास्थ्य के बीच का संबंध महत्वपूर्ण है।
- भारत का सतत पर्यटन के प्रति प्रयास सराहनीय है।
केवड़िया (गुजरात), 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के राजदूत डॉ. इवांस क्वाडियो अफेदी ने गुजरात के केवड़िया में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान, डॉ. अफेदी ने इस वास्तुशिल्प चमत्कार और इसके चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
डॉ. अफेदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दौरे के दौरान औषध मानव (स्वास्थ्य वन), जंगल सफारी और अन्य स्थलों का भी भ्रमण किया। अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया। वे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र के विकास से प्रभावित हुए और उन्होंने इसे एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में परिवर्तित करने की सराहना की।
उन्होंने कहा, "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सिर्फ एक स्मारक नहीं है, बल्कि एकता, दूरदर्शिता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।" उन्होंने इस स्थान को बहुत पसंद किया और प्रकृति के करीब रहने में उन्हें आनंद आया। उन्होंने एक स्थानीय अधिकारी से मुलाकात की और जाना कि पेड़ और प्रकृति मानव स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं।
उन्होंने कहा, "यह स्थान मेरे द्वारा देखी गई सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है, और मैं भविष्य में फिर से यहां आने की उम्मीद करता हूं। इस जगह की सुंदरता मनमोहक है। मैं सभी से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने और प्रकृति का अनुभव करने की अपील करता हूं। प्रकृति हमारे स्वास्थ्य को मजबूत बनाती है, हमें शक्ति देती है और हमारे जीवन को लंबा खींचती है।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, यूरोप और अफ्रीका के लोगों को भी यहां आने के लिए प्रोत्साहित किया।
यात्रा के दौरान डॉ. अफेदी ने प्रतिमा के आसपास की हरियाली, नदी तट और स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण वातावरण सहित सुनियोजित संचालन और पर्यावरण-अनुकूल पहलों की सराहना की। ये सुविधाएं आगंतुकों के अनुभव को समृद्ध बनाती हैं।
डॉ. अफेदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसे विश्व स्तरीय पर्यटक आकर्षणों के निर्माण के साथ-साथ सतत पर्यटन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए भारत के प्रयासों की भी सराहना की।