क्या यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 से 4,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है?

सारांश
Key Takeaways
- 4,000 करोड़ रुपये का कारोबार संभावित है।
- 2,400 प्रदर्शक विविध उत्पादों के साथ भाग लेंगे।
- बी2बी बैठकें 2,500 से अधिक होंगी।
- संयुक्त उद्यम और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- काला नमक चावल उपहार में दिया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने शुक्रवार को जानकारी दी कि पांच दिवसीय मेगा उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 (यूपीआईटीएस 2025) से 4,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के साथ बी2बी बैठकों का उद्घाटन करते हुए, मंत्री सचान ने कहा कि राज्य के 2,400 से अधिक प्रदर्शक विभिन्न क्षेत्रों के उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं, जिनमें वस्त्र, हस्तशिल्प, खादी, परिधान, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) और जीआई टैग वाले उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रक्षा, और चिकित्सा एवं फार्मा उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि शिल्पकारों और कारीगरों को विदेशी खरीदारों से सीधे जुड़ने का अवसर मिलेगा।
दुनिया भर से भाग लेने वालों का स्वागत करते हुए, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने कहा कि इस शो में 85 से अधिक देशों के 500 से ज्यादा विदेशी खरीदारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया है, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
राज्य के प्रमुख वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) कार्यक्रम और समृद्ध कृषि विरासत को बढ़ावा देने के लिए, एफआईईओ इस कार्यक्रम में विदेशी खरीदारों को काला नमक चावल उपहार में देगा, जो उत्तर प्रदेश की गुणवत्ता और निर्यात उत्कृष्टता का प्रतीक है।
रल्हन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस पहल से व्यापार में महत्वपूर्ण परिणाम मिलने की उम्मीद है।
एफआईईओ के एक बयान के अनुसार, पांच दिवसीय प्रदर्शनी में 2,500 से अधिक बी2बी बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिससे उत्तर प्रदेश भर के 2,000 से अधिक विक्रेताओं और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच सार्थक बातचीत होगी।
प्रदर्शनी में वस्त्र, हस्तशिल्प, खादी, परिधान, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, ओडीओपी और जीआई टैग वाले उत्पादों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, मशीनरी, चिकित्सा उपकरण और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उभरते क्षेत्रों तक उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला होगी।
वाराणसी, आगरा, मुरादाबाद और गोरखपुर जैसे क्षेत्रों के कारीगर और उद्यमी वैश्विक दर्शकों के सामने अपनी शिल्प कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।
रल्हन ने जोर देकर कहा कि ‘यूपीआईटीएस 2025’ न केवल निर्यात के अवसरों की खोज के लिए एक मंच है, बल्कि संयुक्त उद्यम, तकनीकी सहयोग और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।