क्या यूपी में 'विकसित यूपी 2047' महाभियान को 35.5 लाख सुझाव मिले?

सारांश
Key Takeaways
- 35.5 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं।
- कृषि, शिक्षा और ग्रामीण विकास प्रमुख मुद्दे हैं।
- युवाओं ने सुझावों का 50% हिस्सा दिया।
- महाभियान में 150 नगर पालिकाओं और 27 हजार ग्राम पंचायतों में बैठकें हुईं।
- मुख्यमंत्री ने इसे 'जनभागीदारी का उत्सव' कहा।
लखनऊ, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047: समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान' तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों और विशेषज्ञों ने छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, किसानों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संघों, मीडिया और आम नागरिकों के साथ संवाद सत्र आयोजित कर विकास यात्रा पर विचार-विमर्श किया।
इस महाभियान के तहत अब तक 35.5 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें 28 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं। शहरी इलाकों से 7.5 लाख फीडबैक मिला, जबकि युवाओं ने कुल सुझावों का लगभग 50% हिस्सा प्रस्तुत किया।
प्राप्त सुझावों में कृषि (8 लाख), शिक्षा (9 लाख) और ग्रामीण विकास (7 लाख) प्रमुख मुद्दे बने। स्वास्थ्य, पशुधन, आईटी, पर्यटन, उद्योग और सुरक्षा जैसे अन्य क्षेत्रों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। जनपदवार आंकड़ों में संभल, जौनपुर, बिजनौर, गोरखपुर और सोनभद्र शीर्ष पांच जिलों में शामिल हैं, जबकि फिरोजाबाद, महोबा, इटावा, बुलंदशहर और फतेहपुर से अपेक्षाकृत कम सुझाव प्राप्त हुए हैं।
आजमगढ़ के सरकारी सेवक रामदरश यादव ने सुझाव दिया कि जिले को एग्रो-प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल हब बनाया जाए। मिलेट्स, दालों और तिलहन के प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किए जाएं, और मुबारकपुर की सिल्क साड़ियों का निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जाए। साथ ही औद्योगिक निवेश के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने की मांग की गई। फिरोजाबाद की रोना सागर ने मेडिकल और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने की सिफारिश की। 'अतुल्य भारत' की तर्ज पर यूपी में वैश्विक पर्यटन ब्रांडिंग हो और स्थानीय समुदायों को जोड़ा जाए। ललितपुर के राजा प्रताप ने आधुनिक कृषि तकनीकों, ड्रिप सिंचाई, फसल विविधीकरण, अनुसंधान, बीमा योजनाओं और जैविक खेती पर जोर दिया।
महाभियान को गहराई प्रदान करने के लिए 150 नगर पालिकाओं, 120 नगर पंचायतों, 40 जिला पंचायतों और 27 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में बैठकें संपन्न हुईं। इन सत्रों में आम जन ने विकास के रोडमैप पर विचार साझा किए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियान को 'जनभागीदारी का उत्सव' बताते हुए कहा कि ये सुझाव यूपी को 2047 तक विकसित बनाने का आधार बनेंगे।