क्या यूपी में नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1 प्रतिशत की रिकवरी छूट से किसानों को होगा लाभ?

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क्या यूपी में नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1 प्रतिशत की रिकवरी छूट से किसानों को होगा लाभ?

सारांश

उत्तर प्रदेश में धान की खरीद में पिछले वर्ष की तुलना में ढाई गुना वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1 प्रतिशत की रिकवरी छूट का ऐलान किया, जिससे लाखों किसानों को सीधा लाभ होगा। जानिए इस निर्णय का क्या असर होगा।

Key Takeaways

  • धान की खरीद में 2.5 गुना वृद्धि हुई है।
  • 1 प्रतिशत की रिकवरी छूट किसानों को लाभ पहुंचाएगी।
  • लगभग 13-15 लाख किसानों को फायदा होगा।
  • सरकार ने मोटा धान पर भी छूट देने का निर्णय लिया है।
  • यह कदम चावल मिल उद्योग को मजबूत करेगा।

लखनऊ, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक धान की खरीद में ढाई गुना वृद्धि हुई है। यह जानकारी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा की। उन्होंने बताया कि चावल मिलों को नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई में 1 प्रतिशत की रिकवरी मिलेगी, जिससे लगभग 13-15 लाख किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा।

सुरेश खन्ना ने कहा, "धान की कुटाई हेतु रिकवरी प्रतिशत में छूट दी जा रही है। चावल मिलों के लिए यह एक बड़ी ख़ुशख़बरी है क्योंकि इस बार उन्हें ज्यादा चावल प्राप्त होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान की पैदावार में वृद्धि और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है।"

उन्होंने यह भी बताया कि जब हाइब्रिड धानों को खरीदकर चावल मिलों को दिया जाता है, तब अपेक्षित रिकवरी प्राप्त नहीं होती है, इसलिए उन्हें तीन प्रतिशत की छूट भी दी जाती है।

सुरेश खन्ना ने कहा, "प्रदेश में 1,800 से अधिक राइस मिल संचालित हो रहे हैं, जो लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पहले से हाइब्रिड धानों पर तीन प्रतिशत की छूट दी जा रही है, जिसकी सरकार क्षतिपूर्ति करती है।"

उन्होंने कहा कि इस बार मोटा धान पर भी एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिससे किसानों और राइस मिलों को लाभ होगा। इस पर सरकार की ओर से 1.66 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रदेश में धान की खरीद प्रारंभ हो गई है और किसान बिना किसी परेशानी के अपना धान सरकार को बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस छूट से चावल मिल उद्योग में विश्वास भी बढ़ेगा। पिछले वर्षों में कुछ चावल मिलें नॉन-हाइब्रिड धान की रिकवरी प्रतिशत कम होने के कारण सरकारी क्रय केंद्रों के धान की कुटाई पर ध्यान नहीं देती थीं। इसके साथ ही चावल मिलों के पास पर्याप्त राशि न होने के कारण वे अपनी मशीनों को समय पर आधुनिक नहीं कर पाती थीं। अब छूट से प्राप्त धनराशि से वे अपनी क्षमता को बढ़ा सकते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश में धान कुटाई की अतिरिक्त क्षमता बढ़ेगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि पहले चावल के लिए 67 प्रतिशत रिकवरी निर्धारित की गई थी। जब उत्तर प्रदेश सरकार को जानकारी मिली कि हाइब्रिड धान की कुटाई में ब्रोकन राइस का प्रतिशत ज्यादा होने के कारण रिकवरी कम होती है, तो सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018-19 से चावल मिलर्स को कुटाई में 3 प्रतिशत रिकवरी की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार के बजट से शुरू की।

उन्होंने कहा कि किसानों को हाइब्रिड धान के अलावा अन्य प्रजातियों के धान की फसल लगाने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे धान की देशी प्रजातियों की बुआई को बढ़ावा मिलेगा।

Point of View

बल्कि यह चावल मिल उद्योग की मजबूती के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार की यह योजना दिखाती है कि वह कृषि क्षेत्र में सुधार के प्रति गंभीर है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

यह छूट कब तक लागू होगी?
यह छूट इस फसल वर्ष के लिए लागू है और इसके बाद की योजनाओं की घोषणा की जाएगी।
किसानों को इस छूट से कितना लाभ होगा?
इस छूट से लगभग 13-15 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
क्या यह छूट सभी प्रकार के धान पर लागू होगी?
यह छूट मुख्य रूप से नॉन-हाइब्रिड धान और मोटे धान पर लागू होगी।