क्या अब फिल्मों को चिल्लाने की आवश्यकता नहीं रही? दर्शक बारीकियों को समझने लगे हैं: वामिका गब्बी

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क्या अब फिल्मों को चिल्लाने की आवश्यकता नहीं रही? दर्शक बारीकियों को समझने लगे हैं: वामिका गब्बी

सारांश

अभिनेत्री वामिका गब्बी का मानना है कि भारतीय सिनेमा में हो रहे बदलावों से दर्शक अब बारीकियों को समझने लगे हैं। क्या यह सिनेमा के भविष्य के लिए शुभ संकेत है?

Key Takeaways

  • दर्शक अब चिल्लाने वाली कहानियों से ज्यादा बारीकियों को पसंद कर रहे हैं।
  • सिनेमा अब मनोरंजन तक सीमित नहीं है, यह संवेदनशीलता और समावेशिता की ओर बढ़ रहा है।
  • तकनीकी विकास ने फिल्मों को तेजी से दर्शकों तक पहुँचाने में मदद की है।
  • वामिका गब्बी का मानना है कि दर्शकों का भरोसा सिनेमा में असली बदलाव ला रहा है।
  • शांत कहानियाँ अब भी दर्शकों को प्रभावित कर सकती हैं।

मुंबई, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री वामिका गब्बी का मानना है कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि दर्शक अब बारीकियों को समझने में सक्षम हो गए हैं।

वामिका ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि अब कहानी कहने को वह सम्मान और जगह मिल रही है, जिसकी वह हकदार थी। 21वीं सदी की पहली तिमाही समाप्त होने पर उन्होंने समकालीन सिनेमा की तारीफ करते हुए कहा, "अब शांत और बारीक कहानियाँ भी दर्शकों तक पहुँच रही हैं, जिन्हें असर डालने के लिए जोर से चिल्लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। मेरे लिए सबसे बड़ी बात यह है कि कहानी कहने को कितनी जगह मिली है। पिछले कुछ दशकों ने शांत कहानियों, कमजोर किरदारों और ऐसी भावनाओं को जगह दी है, जिन्हें सुनाने के लिए चिल्लाना नहीं पड़ता।"

वामिका गब्बी ने बताया कि आज का भारतीय सिनेमा पहले से ज्यादा समावेशी और संवेदनशील हो गया है। उनका मानना है कि भविष्य में यह और भी बेहतर होगा, क्योंकि दर्शक अब गहरी और बारीक कहानियों को सराहने लगे हैं। सिनेमा अब सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं है।

उन्होंने आगे बताया, “टेक्नोलॉजी ने फिल्मों को तेजी से और अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद की है, लेकिन असली परिवर्तन दर्शकों का भरोसा है। आज का दर्शक बारीकियों और जटिलता को समझने के लिए तैयार है। अब ऐसी परफॉर्मेंस और कहानियाँ जगह बना रही हैं जो धीरे-धीरे खुलती हैं और लंबे समय तक याद रहती हैं।”

वामिका के अनुसार, यह परिवर्तन सिनेमा को नई दिशा प्रदान कर रहा है।

वामिका गब्बी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत करीना कपूर और शाहिद कपूर की फिल्म 'जब वी मेट' से की थी। इसके बाद पंजाबी सिनेमा में कई फिल्मों में काम कर खुद को एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया। वामिका तमिल, मलयालम समेत अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं।

Point of View

बल्कि वे गहरी और अर्थपूर्ण कहानियों की खोज में हैं। यह बदलाव न केवल सिनेमा की गुणवत्ता में वृद्धि करेगा, बल्कि दर्शकों और फिल्म निर्माताओं के बीच एक नए संबंध की स्थापना भी करेगा।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

वामिका गब्बी ने अपने करियर की शुरुआत कब की?
वामिका गब्बी ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'जब वी मेट' से की थी।
वामिका का मानना है कि दर्शक किस प्रकार की कहानियों को पसंद करने लगे हैं?
वामिका का मानना है कि दर्शक अब बारीकियों और जटिलताओं को समझने के लिए तैयार हैं।
क्या भारतीय सिनेमा में बदलाव आ रहा है?
हाँ, वामिका गब्बी के अनुसार, भारतीय सिनेमा में पिछले कुछ दशकों में बड़ा बदलाव आया है।
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