क्या यूपी में ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन योजना चलाई जाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- यूपी में 1 जुलाई से वित्तीय समावेशन अभियान की शुरुआत।
- सभी ग्राम पंचायतों में शिविर का आयोजन होगा।
- निष्क्रिय जनधन खातों की केवाईसी पुन: सत्यापन होगा।
- सरकारी योजनाओं का लाभ अधिकतम नागरिकों तक पहुंचाना।
- साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
लखनऊ, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में वित्तीय समावेशन को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए एक विशेष संतृप्तीकरण अभियान शुरू करने जा रही है। यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक पूरे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में संचालित किया जाएगा।
केंद्र सरकार के वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर यह पहल की जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को आम जन तक पहुंचाया जाएगा।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन पात्र नागरिकों को अब तक इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, उन्हें जोड़कर शत-प्रतिशत कवरेज प्राप्त किया जाए। साथ ही, निष्क्रिय जनधन खातों की केवाईसी पुन: सत्यापन, नए बैंक खाते खोलना और बीमा तथा पेंशन योजनाओं में नामांकन को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह अभियान राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसमें 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प को वास्तविकता में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
महानिदेशक, संस्थागत वित्त, उत्तर प्रदेश ने सभी जिलाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस अभियान को जिला स्तर पर समग्र नेतृत्व के साथ संचालित किया जाए।
जिला प्रशासन को दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार:
सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम एक शिविर का आयोजन अनिवार्य होगा।
डीएलसीसी की बैठकों के माध्यम से रणनीति तैयार की जाएगी।
ब्लॉक, पंचायत और जनसामान्य के स्तर पर सभी विभागीय अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
साप्ताहिक समीक्षा और निगरानी की जाएगी ताकि प्रगति पर नियमित नजर रखी जा सके।