क्या यूपी ने संक्रमण को रोकने के लिए सात जिलों में पशुओं की आवाजाही रोकी है?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में एलएसडी के खतरे के मद्देनजर पशुओं की आवाजाही पर रोक।
- गोट पॉक्स वैक्सीन के माध्यम से टीकाकरण अभियान।
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर नवीन वैक्सीन की आपूर्ति।
लखनऊ, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के बढ़ते ख़तरे से निपटने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने बिहार से सटे पूर्वांचल के सात जिलों की सीमाओं पर पशुओं के आवागमन पर रोक लगा दी है। इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संक्रामक पशु सीमाओं को पार कर प्रदेश में प्रवेश न कर सकें। प्रदेश के कुल 11 जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं, जिनमें अब तक 9353 गोवंश एलएसडी की चपेट में आ चुके हैं।
मंगलवार को विधानसभा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि बिहार सीमा से लगे 11 जनपद एलएसडी रोग से प्रभावित हैं और इनसे सटे कुछ जनपदों में भी छिटपुट गोवंशीय पशुओं में एलएसडी के लक्षण पाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलएसडी की प्रभावी रोकथाम हेतु प्रदेश में 61.20 लाख डोज गोट पॉक्स वैक्सीन उपलब्ध है, जिसके माध्यम से पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। गोट पॉक्स वैक्सीन मुख्यतः बकरियों में चेचक रोग के रोकथाम के लिए लगायी जाती है। पहले एलएसडी डेडिकेटेड वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण इसका उपयोग गोवंश में लम्पी रोग नियंत्रण हेतु किया जाता रहा है।
धर्मपाल सिंह ने आगे बताया कि रोग के प्रभावी नियंत्रण एवं निवारण के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के निर्देश पर आईवीआरआई द्वारा नवीन विकसित "लम्पी प्रोवैक" वैक्सीन की 60000 खुराक बेंगलुरु से मंगवा ली गई है, जिसे पूर्वांचल के अधिक प्रभावित जनपदों, गोरखपुर और समीपवर्ती जनपदों में युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाकर एलएसडी रोग के नियंत्रण की प्रभावी कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि बिहार राज्य की सीमा से लगे जनपदों की सीमा पर 10 किमी की बेल्ट बनाकर सभी गोवंशों में टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देवरिया जिले में 16 और कुशीनगर में 7 पशु चिकित्सकों की टीमें संयुक्त निदेशक के निर्देशन में भेजी गई हैं। प्रभावित 11 जिलों में संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को अग्रिम आदेश तक वहीं तैनात कर दिया गया है, ताकि बीमारी की रोकथाम और उपचार की निगरानी सघन रूप से की जा सके।
उन्होंने कहा कि रोग के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेश और जिला स्तर पर एलएसडी सघन निगरानी सेल का गठन किया गया है। किसी भी जानकारी के लिए विभागीय टोल फ्री नंबर 1800-180-5141 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही, सुदूर क्षेत्रों में मोबाइल वेटरनरी वाहन (टोल फ्री नंबर 1962) पूरी क्षमता से इलाज, टीकाकरण और जागरूकता अभियान चला रहे हैं।