क्या यूपी पुलिस ने गोकशी और गौ-तस्करी पर डेढ़ साल का आंकड़ा साझा किया?

सारांश
Key Takeaways
- गोकशी के ६९९ मामले दर्ज हुए।
- गौ-तस्करी के १,२०० मामले दर्ज हुए।
- २,२७९ आरोपियों को गोकशी में गिरफ्तार किया गया।
- २,७०९ आरोपियों को गौ-तस्करी में गिरफ्तार किया गया।
- कड़ी कार्रवाई के तहत गुंडा एक्ट और एनएसए लागू किया गया।
लखनऊ, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गोकशी और गौ-तस्करी से संबंधित अपनी कार्यवाही का विवरण सार्वजनिक किया है। 1 जनवरी 2024 से 31 अगस्त 2025 तक के इस समय में पूरे प्रदेश में गौ-तस्करी और गोकशी के खिलाफ व्यापक और सख्त कदम उठाए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, इस डेढ़ साल में गोकशी से जुड़े कुल ६९९ मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में २,२७९ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि ५३९ आरोपियों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया।
गौ-तस्करी के १,200 मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें २,७०९ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। ५६८ अभियुक्तों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गोकशी से जुड़े गंभीर मामलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानून के कड़े प्रावधानों के तहत कार्रवाई की। गोकशी से जुड़े ५३९ आरोपियों पर गुंडा एक्ट लगाया गया, जबकि ६ अभियुक्तों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई।
पुलिस ने गोकशी में संलिप्त लोगों की ९ करोड़ १९ लाख ८७ हजार रुपए की संपत्ति जब्त की है, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
गौ-तस्करी के मामलों में भी पुलिस ने नाकाम नहीं रही। ४७६ अभियुक्तों के खिलाफ गुंडा एक्ट, ९ के खिलाफ एनएसए और १,३२८ पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा, २८८ आरोपियों की हिस्ट्रीशीट भी खोली गई है, ताकि उनके आपराधिक रिकॉर्ड को नजदीक से ट्रैक किया जा सके।
गौ-तस्करी से जुड़े मामलों में अब तक ९ करोड़ ९७ लाख ४३ हजार रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। पुलिस विभाग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि किसी भी कीमत पर गौ-संवेदनशील अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।