क्या यूपी ट्रेड शो-स्वदेशी मेला 2025, 10 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री द्वारा उद्घाटन किया जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- स्थानीय उत्पादों का समर्थन करें।
- दिवाली के लिए खरीदारी को प्राथमिकता दें।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाएं।
- स्थानीय शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करें।
- समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की पहचान बनाएं।
नोएडा, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के शिल्पियों, कारीगरों और उद्यमियों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उन्हें व्यापक बाजार में उपलब्ध कराने के लिए 'यूपी ट्रेड शो-स्वदेशी मेला 2025' का आयोजन नोएडा हाट, सेक्टर-33ए में 9 से 18 अक्टूबर तक किया जा रहा है।
यह 10 दिवसीय आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार की 'स्वदेशी अपनाओ, स्थानीय बढ़ाओ' पहल को सशक्त करेगा। उपायुक्त उद्योग अनिल कुमार ने जानकारी दी कि मेले का उद्घाटन समारोह 10 अक्टूबर को प्रातः 11:30 बजे आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग के मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और मेले का उद्घाटन करेंगे। मेले में जनपद गौतमबुद्ध नगर की 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी)' योजना के अंतर्गत प्रसिद्ध रेडीमेड गारमेंट्स एवं टेक्सटाइल उत्पादों के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हस्तशिल्प, हथकरघा, माटी कला, जूट, लकड़ी एवं धातु कला उत्पादों का आकर्षक प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक उत्पादों को पुनर्जीवित करना और स्थानीय उद्योगों को सशक्त बनाना है ताकि दिवाली के अवसर पर लोग स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी को प्राथमिकता दें। मेले में आने वाले आगंतुकों को एक ही स्थान पर पूरे प्रदेश के विविध उत्पाद देखने और खरीदने का अवसर मिलेगा। साथ ही, जीएसटी दरों में कमी के चलते उपभोक्ताओं को किफायती दामों पर वस्तुएं उपलब्ध होंगी।
जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले में पहुंचकर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें। प्रशासन का मानना है कि इस पहल से न केवल स्थानीय शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक बल मिलेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी गति मिलेगी। यह स्वदेशी मेला दिवाली पर्व से ठीक पहले आयोजित होने के कारण उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी का विशेष आकर्षण बन गया है।
उम्मीद की जा रही है कि इस मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर स्थानीय उत्पादों का समर्थन करेंगे और प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देंगे।