क्या यूपी विधानसभा में फतेहपुर का मामला गूंजा? विपक्ष ने किया हंगामा!

सारांश
Key Takeaways
- फतेहपुर मामले पर विधानसभा में हंगामा।
- सपा ने चर्चा की मांग की।
- सरकार ने कहा - कोई संलिप्तता नहीं।
- विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
- जल शक्ति मंत्री ने भी जवाब दिए।
लखनऊ, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में दूसरे दिन मंगलवार को फतेहपुर का मामला जोरदार तरीके से उठाया गया। सपा ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। जब सही उत्तर नहीं मिला तो विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने फतेहपुर में मकबरे के पास हुई घटना को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि एक पार्टी के नेता ने सात दिन पहले लोगों को आने का आह्वान किया था। तय समय पर हंगामा किया गया, और पुलिस इसे संभालने में असफल रही। सरकार का उद्देश्य अब सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना बन चुका है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इसमें सरकार और सरकारी तंत्र का कोई संलिप्तता नहीं है। मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसमें 10 नामजद और अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जो भी कानून को हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसे न्याय प्रक्रिया के तहत दंड मिलेगा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा के विधायकों ने वेल में धरना दिया। सदन में विपक्षी दल के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। नारेबाजी चल रही थी और दूसरी ओर विधायी कार्य भी जारी थे। वेल में नारेबाजी कर रहे विधायकों की वीडियो बना रही विधायक पल्लवी पटेल को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने वीडियो बनाए जाने के लिए चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि वीडियो को डिलीट करें वरना अगर यह सोशल मीडिया में आया तो कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्री एवं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के एक्सियोम-4 मिशन की सफलता पर सरकार की तरफ से बधाई प्रस्ताव पारित किया गया। सभी मौजूद सदस्यों ने इसका समर्थन किया। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। उन्होंने हत्या, छेड़छाड़, दुष्कर्म और पुलिस के उत्पीड़न के आंकड़े प्रस्तुत किए।
कानून व्यवस्था के सवाल पर जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सैकड़ों मामलों में कम से कम 22 दिन और अधिकतम 134 दिन के भीतर सजा हुई है। इतनी जल्दी न्यायिक प्रक्रिया से किसी भी सरकार में सजा नहीं हुई। वर्तमान में प्रदेशभर में 12 फोरेंसिक लैब कार्यरत हैं। तीन जिलों में काम चल रहा है। सपा के विधायक इमरान फहीम ने जल शक्ति मंत्री से सवाल किया। जवाब देते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि इमरान, कसम खाकर बताइए कि आपके गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उसने लिखकर दिया है कि 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। यदि काम नहीं हुआ तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।