क्या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए?

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ की स्थिति गंभीर है और प्रशासन सक्रिय है।
- नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
- सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
- सरकार ने राहत कार्य तेजी से शुरू किया है।
- बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई भेदभाव नहीं होगा।
मुंबई, २८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोंकण और मराठवाड़ा क्षेत्रों की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने की हिदायत दी। शिंदे ने कहा कि सरकार पूरी तरह से सक्रिय है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयारी कर ली गई है।
बैठक में बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जिला कलेक्टर, नगर निगम, पुलिस प्रशासन, सिंचाई विभाग, एमएसएबी, एनडीआरएफ और टीडीआरएफ के अधिकारी मौजूद थे। सभी हितधारकों के साथ चर्चा के बाद यह सुनिश्चित किया गया कि सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं और ज़रूरत पड़ने पर त्वरित रूप से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं।
बातचीत में, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोंकण क्षेत्र में जहां पानी जमा हुआ था, वहां से पानी निकाल लिया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को स्कूलों और कॉलेजों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। सी-१ श्रेणी की जर्जर इमारतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पेड़ गिरने और बिजली की तारें टूटने की आशंका को देखते हुए अधिकारियों को समय पर फोन रिसीव करने और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि राहत कार्य तुरंत शुरू किया जा सके। स्विमर बोट्स तैनात की गई हैं और मछली पकड़ने गए लोगों को वापस बुला लिया गया है। डैम क्षेत्रों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है।
एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि नागरिकों का जीवन किसी भी कीमत पर खतरे में नहीं आने दिया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता यह है कि हर प्रभावित व्यक्ति को समय पर सहायता दी जाए।
मराठवाड़ा में भी एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जहां सभी अधिकारी फील्ड पर तैनात हैं। प्रभावित क्षेत्रों में अनाज और आवश्यक जीवन सामग्री भेजी जा रही है। शिंदे ने कहा कि बलीराज की माताएं और बहनें रो रही हैं, लेकिन सरकार उनके साथ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सहायता में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा और जरूरत पड़ने पर नियमों को सरल किया जाएगा।