क्या उपराष्ट्रपति चुनाव में 15 मतपत्र अवैध घोषित हुए?

सारांश
Key Takeaways
- सीपी राधाकृष्णन को नए उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया।
- 15 मतपत्रों को अवैध घोषित किया गया।
- मतदान प्रक्रिया 9 सितंबर को संपन्न हुई।
- निर्वाचन आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया।
- मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित हुए।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीपी राधाकृष्णन, जो कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार हैं, को भारत के नए उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के बाद एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी किया है।
प्रेस नोट के अनुसार, आयोग ने 1 अगस्त को 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें 9 सितंबर को मतदान और मतगणना की तिथि तय की गई थी। मतदान प्रक्रिया 9 सितंबर को संसद भवन, नई दिल्ली स्थित कमरा संख्या एफ-101 में संपन्न हुई।
मतदान के लिए कुल 781 निर्वाचकों में से 767 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें से 15 मतपत्र अवैध घोषित किए गए। निर्वाचन के रिटर्निंग ऑफिसर, जो राज्यसभा के महासचिव हैं, ने मतगणना के बाद सीपी राधाकृष्णन को देश के अगले उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित घोषित किया।
यह प्रक्रिया 7 अगस्त को राजपत्र में कार्यक्रम अधिसूचना के प्रकाशन के साथ शुरू हुई थी, और सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन का प्रमाणन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी द्वारा हस्ताक्षर करने के साथ संपन्न हुई। इसके बाद हस्ताक्षरित प्रति उप निर्वाचन आयुक्त भानु प्रकाष एटूरु और सचिव सुमन कुमार दास द्वारा केंद्रीय गृह सचिव को सौंपी गई, जिसे नए उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में पढ़ा जाएगा।
प्रेस नोट में आगे कहा गया है कि आयोग निर्वाचन के संचालन में उत्कृष्ट सहयोग देने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर, निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों, दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ की पूरी टीम का आभार व्यक्त करता है।