क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु में काशी तमिल संगमम में भाग लेंगे?

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क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु में काशी तमिल संगमम में भाग लेंगे?

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन की तमिलनाडु यात्रा का उद्देश्य काशी तमिल संगमम 4.0 के समापन समारोह में भाग लेना है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जो आध्यात्मिकता और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।

Key Takeaways

  • उपराष्ट्रपति की यात्रा का उद्देश्य काशी तमिल संगमम 4.0 में भाग लेना है।
  • यह आयोजन भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
  • काशी और तमिलनाडु के बीच का संबंध गहरा है।
  • यह संगमम आध्यात्मिकता और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
  • कई मंत्रालयों और विश्वविद्यालयों का सहयोग इस आयोजन में शामिल है।

चेन्नई, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को तमिलनाडु की यात्रा की, जहाँ वे रामेश्वरम में काशी तमिल संगमम 4.0 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।

इस अवसर पर मदुरै हवाई अड्डे पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार के वाणिज्यिक कर और पंजीकरण मंत्री पी मूर्ति तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

काशी तमिल संगमम एक ऐसे रिश्ते का उत्सव है जो भारतीय संस्कृति में सदियों से बसा हुआ है। अनगिनत तीर्थयात्रियों, विद्वानों और साधकों के लिए, तमिलनाडु और काशी के बीच का सफर केवल भौतिक यात्रा नहीं था, बल्कि यह विचारों, भाषाओं और परंपराओं का एक आदान-प्रदान था। संगमम इसी भावना से प्रेरित है, जो एक ऐसे बंधन को जीवित रखता है जिसने भारत के सांस्कृतिक माहौल को आकार दिया है।

जब भारत आजादी के 75 साल पूरे होने की खुशी मना रहा था, संगमम ने देश को जोड़ने वाली सांस्कृतिक निरंतरता को फिर से स्थापित करने का प्रयास किया।

आत्मविश्लेषण और भारत की स्थायी शक्ति का जश्न मनाने के उद्देश्य से, काशी तमिल संगमम ने एक ऐसा राष्ट्रीय मंच प्रदान किया है जो आध्यात्मिक विचार, कलात्मक अभिव्यक्ति और ज्ञान साझा करने का माध्यम बनता है।

यह पहल एक भारत श्रेष्ठ भारत के सिद्धांत को दर्शाती है, जो लोगों को अपनी संस्कृति के साथ-साथ अन्य संस्कृतियों की समृद्धि को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करती है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित, आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्रमुख ज्ञान भागीदार हैं। काशी तमिल संगमम विभिन्न मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से छात्रों, कारीगरों, विद्वानों, आध्यात्मिक गुरुओं, शिक्षकों और सांस्कृतिक परंपराओं को एक मंच पर लाता है, जिससे विचारों और ज्ञान का आदान-प्रदान होता है।

संगमम के प्रत्येक संस्करण में तमिलनाडु के छात्र, शिक्षक, कारीगर और विद्वान एक सप्ताह से दस दिनों के लिए काशी आते हैं, जहां वे मंदिरों और तमिल संबंध वाले केंद्रों का दौरा करते हैं।

Point of View

जो भारतीय संस्कृतियों के समृद्धि और एकता को दर्शाती है। यह संगमम न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों का आदान-प्रदान करता है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों के बीच संवाद को भी बढ़ावा देता है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

काशी तमिल संगमम क्या है?
काशी तमिल संगमम एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है जो तमिलनाडु और काशी के बीच के रिश्ते का उत्सव है।
उपराष्ट्रपति का स्वागत किसने किया?
उपराष्ट्रपति का स्वागत तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने किया।
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