क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन विशाखापत्तनम पहुंचे, राज्यपाल अब्दुल नजीर ने उनका स्वागत किया?
सारांश
Key Takeaways
- उपराष्ट्रपति का दौरा आर्थिक प्रगति को दर्शाता है।
- सीआईआई शिखर सम्मेलन में वैश्विक सहभागिता है।
- भारत सरकार की नीतियों का प्रचार।
- नई तकनीकों पर चर्चा।
- रोटरी कार्यक्रम में वैश्विक नेटवर्किंग।
विशाखापत्तनम, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आज विशाखापत्तनम पहुंचे। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष चिंतकयाला अय्याना पात्रुडू और आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्री नारा लोकेश समेत कई महत्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित रहे।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को विशाखापत्तनम में 30वें सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के साझेदारी शिखर सम्मेलन-2025 के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन सीआईआई द्वारा भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
सीआईआई शिखर सम्मेलन व्यापार और निवेश के भविष्य को आकार देने के लिए विचारकों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों और वैश्विक साझेदारों को एक साथ लाएगा। इस शिखर सम्मेलन का विषय 'प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार: नई भू-आर्थिक व्यवस्था का मार्गदर्शन' है। इस प्रमुख कार्यक्रम में 45 सत्र, 72 अंतरराष्ट्रीय वक्ता और 2,500 प्रतिनिधियों के साथ 45 देशों के 300 विदेशी प्रतिभागियों का शामिल होना सुनिश्चित किया गया है।
विशाखापत्तनम में कार्यक्रम के अलावा, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को दिल्ली में भी कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वे नई दिल्ली के यशोभूमि में रोटरी तेजस-विंग्स ऑफ चेंज कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
रोटरी जोन 4, 5, 6 और 7 के लिए 'तेजस-रोटरी जोन इंस्टीट्यूट' 14 से 16 नवंबर तक नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 1,400 से अधिक रोटरी निर्णयकर्ताओं, इन्फ्लूएंसरों और अन्य विशिष्ट अतिथियों के भाग लेने की उम्मीद है। रोटरी एक वैश्विक नेटवर्क है जिसमें 14 लाख से अधिक पेशेवर और सामुदायिक कार्यकर्ता शामिल हैं।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन दिल्ली के विज्ञान भवन में भारतीय दूरसंचार सेवा स्थापना के हीरक जयंती समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय दूरसंचार सेवा की स्थापना 1965 में हुई थी, यह भारत सरकार की संगठित सिविल सेवा है।