क्या उपराष्ट्रपति ने 'मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तीकरण' किताब का विमोचन किया?
सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी की नीतियों से भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है।
- जीएसटी ने व्यापार को आसान बनाया है।
- देश में जीरो बैलेंस बैंक खाते खोलने से हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा मिल रही है।
- डीबीटी के माध्यम से 47 लाख करोड़ रुपए का ट्रांसफर हुआ है।
- विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने हिमाचल के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर (डॉ.) सिकंदर कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में आर्थिक क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक 'मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तीकरण' का बुधवार को उपराष्ट्रपति एन्क्लेव, नई दिल्ली में विमोचन किया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने बताया कि पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर खड़ा है। 2014 से मोदी सरकार की गवर्नेंस नीतियों के कारण भारत 2047 तक एक विकसित देश के रूप में उभरने की दिशा में अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने से अब पूरा देश एक साझा बाजार बन गया है, जिसका सीधे लाभ छोटे और मंझोले व्यापारियों एवं किसानों को मिल रहा है। अब पंजाबकेरल में और हिमाचल प्रदेश का हथकरघा व्यापारी अपना सामान तमिलनाडु भेज सकता है, और यह सब प्रक्रिया वह अपने घर से ही कर सकता है। पहले उसे अपने उत्पाद के साथ यात्रा करनी पड़ती थी।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने बताया कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्यों में जीएसटी लागू करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाए, जिसमें केंद्र सरकार ने राज्यों को नुकसान की भरपाई की व्यवस्था की। इस प्रकार, देश में जीएसटी कर प्रणाली आम सहमति से लागू की गई और अधिकारियों की भूमिका समाप्त हो गई।
उन्होंने कहा कि देश में जीरो बैलेंस के साथ बैंक खाते खोलने से हर नागरिक के लिए बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं। आज बैंक खातों में समाज के निचले तबके के करोड़ों रुपए हैं। इन खातों के चलते केंद्र और राज्य सरकारों की अनुदान योजनाओं की पूरी राशि सीधे गरीबों के खातों में जमा हो रही है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। पहले कुछ राज्य सरकारें इस प्रणाली का विरोध करती थीं, लेकिन अब वही राज्य सरकारें इसका उपयोग करके अपने नागरिकों को डीबीटी के माध्यम से लाभ पहुंचा रही हैं।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि आर्थिक क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मोदी ने साहसी और निर्णायक कदम उठाए हैं और डीबीटी के माध्यम से 47 लाख करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। आज किसानों को उनकी जमीन अधिग्रहण के लिए पहले की तुलना में तीन गुना रेट दिए जा रहे हैं। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के लिए मुफ्त योजनाओं का समर्थन करते हुए कहा कि यह वोट बैंक नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा है।
उन्होंने कहा कि बिजली का राष्ट्रीय ग्रिड बनने से देश में बिजली की कटौती खत्म हो गई है और जनरेटर का युग समाप्त हो गया है। पीएम मोदी की नीतियों के कारण आज भारत में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है, जिससे करोड़ों रोजगार सृजित होंगे और नई आर्थिक क्रांति की शुरुआत होगी।
उन्होंने लेखक प्रोफेसर (डॉ.) सिकंदर कुमार द्वारा पुस्तक लिखने के लिए की गई मेहनत और लगन की सराहना की और कहा कि यह उत्कृष्ट कार्य अन्य लोगों को प्रेरित करेगा और समाज को पीएम मोदी द्वारा किए गए कार्यों के दिलचस्प पहलुओं के बारे में जानकारी देगा।
हिमाचल के राज्यसभा सांसद प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता ग्रहण की थी, तो मुद्रास्फीति की दर 10 प्रतिशत थी और राजकोषीय घाटे की दर 4.1 प्रतिशत थी। रोजगार के साधन नगण्य थे, जबकि मोदी सरकार में देश 7 से 8 प्रतिशत विकास दर दर्ज कर रहा है। उत्पादन का सकल घरेलू उत्पाद 15.7 प्रतिशत से बढ़कर अब 17 प्रतिशत हो गया है, जो 2030 में 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
उन्होंने बताया कि आज देश में 220 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। केवल 2025 के दौरान 173 बिलियन यूपीआई लेनदेन के माध्यम से 22 लाख करोड़ मुद्रा का लेनदेन किया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में 748 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश आकर्षित किया गया, जिससे 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित हुईं।