क्या यूपीआईटीएस 2025 जीरो इंसिडेंट इवेंट बन सका?

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क्या यूपीआईटीएस 2025 जीरो इंसिडेंट इवेंट बन सका?

सारांश

उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में यूपी पुलिस ने सुरक्षा और स्मार्ट पुलिसिंग के जरिए सफलता का नया मानक स्थापित किया। जानिए इस शानदार आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस के अद्वितीय प्रयासों के बारे में।

Key Takeaways

  • सुरक्षा में नई तकनीक का उपयोग
  • स्मार्ट पुलिसिंग का प्रभावी कार्यान्वयन
  • ट्रैफिक प्रबंधन की बेहतरीन व्यवस्था
  • महिला सुरक्षा के लिए विशेष तैनाती
  • जीरो इंसिडेंट इवेंट की सफलता

ग्रेटर नोएडा, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 (यूपीआईटीएस-2025) को सफल, सुरक्षित और भव्य बनाने में उत्तर प्रदेश पुलिस का योगदान अत्यधिक प्रशंसनीय रहा। इस आयोजन के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने में यूपी पुलिस की स्मार्ट पुलिसिंग ने एक नई मिसाल कायम की।

पुलिस अधिकारियों की तैनाती और आधुनिक सुरक्षा उपायों ने इस कार्यक्रम को न केवल व्यवस्थित बल्कि दिव्य और भव्य बना दिया। इस बड़े आयोजन में आने वाले विदेशी और वीआईपी डेलीगेट्स की सुरक्षा हो या प्रतिदिन लाखों की संख्या में पहुंच रहे आगंतुकों की सुरक्षा और ट्रैफिक की जिम्मेदारी, हर मोर्चे पर पुलिस चौकस रही। किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को खत्म करने के लिए 24 घंटे कंट्रोल कमांड सेंटर से पूरे वेन्यू की निगरानी की गई। अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और अन्य माध्यमों के जरिए आयोजन को जीरो इंसिडेंट इवेंट बनाने में सफलता प्राप्त की गई।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर ग्रेटर नोएडा राजीव नारायण मिश्र ने आयोजन के दौरान सुरक्षा के लिए किए गए व्यापक इंतजामों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोजन स्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए, पुलिस विभाग ने सुरक्षा के लिए सात डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस), चौदह एडीसीपी (एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस), 38 एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस), 80 इंस्पेक्टर, 300 सब इंस्पेक्टर, 40 महिला सब इंस्पेक्टर, कुल 1,400 कांस्टेबल को तैनात किया।

महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, 150 महिला कांस्टेबल भी तैनात की गई थीं। सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए, सात कंपनियां पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) और एक कंपनी आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को भी तैनात किया गया था।

यूपी पुलिस के इस बड़े प्रयास में ट्रैफिक प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा गया था। ट्रैफिक जाम और भीड़-भाड़ से बचने के लिए, 10 ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 20 टीएसआई (ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर), 450 ट्रैफिक कांस्टेबल और तीन एसीपी ट्रैफिक को नियुक्त किया गया। इन सभी कर्मचारियों ने सुनिश्चित किया कि ट्रैफिक सुचारू रूप से चले और यात्री बिना किसी परेशानी के इवेंट स्थल तक पहुंच सकें।

आयोजन स्थल और आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए शहर को नौ जोन और बीस सेक्टरों में बांट दिया गया था। इसके अलावा, एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया था, जो पूरे समय 24 घंटे सक्रिय था और सुरक्षा के सभी पहलुओं की निगरानी करता था। इस कंट्रोल रूम में 550 सीसीटीवी कैमरों द्वारा पूरे क्षेत्र की पल-पल की निगरानी की जाती थी, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

पार्किंग की व्यवस्था भी इस इवेंट की अहम जरूरत थी। इसके लिए सात पार्किंग स्थल बनाए गए, जहां पंद्रह हजार से अधिक गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इसमें सर्वाधिक क्षमता नासा पार्किंग की रही, जहां 10 हजार वाहन एक साथ खड़े किए जा सकते थे। यहां से लोगों को आयोजन स्थल तक ले जाने के लिए शटल बसों की भी व्यवस्था की गई थी।

स्मार्ट पुलिसिंग के तहत पुलिस ने एक डिजिटल दृष्टिकोण अपनाया था। इवेंट में आने वाले लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से डायवर्जन प्लान की जानकारी दी गई, ताकि वे इवेंट स्थल तक सही मार्ग पर पहुंच सकें। यह स्मार्ट पुलिसिंग की प्रणाली दर्शाती है, जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर जनता तक सटीक जानकारी पहुंचाई गई और यातायात व्यवस्था को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया गया।

आगंतुकों, विशेषकर विदेशी डेलीगेट्स और गेस्ट्स के लिए उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। उन्हें इवेंट स्थल तक पहुंचने के लिए होटल से यूपीआईटीएस स्थल तक सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन की व्यवस्था की गई। साथ ही, इवेंट स्थल और शहरभर में साइन बोर्ड लगाए गए, ताकि लोग आसानी से इवेंट स्थल तक पहुंच सकें।

इसके अलावा, सुरक्षा के अन्य कड़े उपाय भी किए गए थे। ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था ताकि आसमान से भी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। यह आधुनिक तकनीकी उपाय इस बात का प्रमाण हैं कि यूपी पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग को पूरी तरह से अपनाया और इस इवेंट को एक सुरक्षित और व्यवस्थित अनुभव बनाने में अहम भूमिका निभाई।

Point of View

तो किसी भी बड़े इवेंट को सफल और सुरक्षित बनाया जा सकता है। यूपी पुलिस की स्मार्ट पुलिसिंग ने एक नई मिसाल कायम की है, जो देशभर के अन्य आयोजनों के लिए प्रेरणादायक हो सकती है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

यूपीआईटीएस 2025 में सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए थे?
यूपीआईटीएस 2025 में सुरक्षा के लिए 1400 से अधिक कांस्टेबल, ड्रोन, CCTV कैमरे और स्मार्ट पुलिसिंग के उपाय लागू किए गए।
क्या यूपीआईटीएस 2025 को जीरो इंसिडेंट इवेंट बनाने में सफल रहा?
जी हां, यूपीआईटीएस 2025 को जीरो इंसिडेंट इवेंट बनाने में सफल रहा, जिसमें कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
यूपी पुलिस ने ट्रैफिक प्रबंधन के लिए क्या किया?
यूपी पुलिस ने ट्रैफिक जाम से बचने के लिए 450 ट्रैफिक कांस्टेबल और अन्य कर्मचारियों को नियुक्त किया।
महिला सुरक्षा के लिए क्या विशेष प्रबंध किए गए थे?
महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 150 महिला कांस्टेबल तैनात की गई थीं।
आयोजन स्थल पर पार्किंग व्यवस्था कैसे थी?
आयोजन स्थल पर सात पार्किंग स्थल बनाए गए थे, जहां 15,000 से अधिक गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा थी।