क्या यूपीएससी परीक्षा परिणामों पर भ्रामक विज्ञापन के लिए विजन आईएएस पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया?

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क्या यूपीएससी परीक्षा परिणामों पर भ्रामक विज्ञापन के लिए विजन आईएएस पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया?

सारांश

यूपीएससी परीक्षा के परिणामों को लेकर विजन आईएएस पर भारी जुर्माना। क्या आपने इसके भ्रामक विज्ञापनों के बारे में सुना है? जानें इस मुद्दे की गहराई और सीसीपीए की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • भ्रामक विज्ञापन के लिए विजन आईएएस पर 11 लाख रुपए का जुर्माना।
  • सीसीपीए ने की कार्रवाई, छात्रों को गुमराह करने वाले दावों का खुलासा।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत कार्रवाई की गई।
  • सभी कोचिंग संस्थानों को पारदर्शिता बनाए रखने का निर्देश।
  • छात्रों को सत्यापन करने की सलाह दी गई।

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भ्रामक विज्ञापन के लिए विजन आईएएस (अजय विजन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड) पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस संस्थान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2022 और 2023 के परिणामों से संबंधित अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर गुमराह करने वाले विज्ञापन प्रकाशित किए थे। जांच में खुलासा हुआ कि संस्थान ने यूपीएससी परीक्षा में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया, जबकि इनमें से केवल तीन ने ही उनके फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के अनुसार, विजन आईएएस ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में ‘शीर्ष 10 में 7’ और ‘शीर्ष 100 में 79 चयन’ जैसे भ्रामक दावे किए। इसी तरह, सीएसई 2022 में ‘शीर्ष 50 में 39 चयन’ का विज्ञापन भी किया गया। सफल उम्मीदवारों के नाम, तस्वीरें और रैंक को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया था। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि संस्थान ने शुभम कुमार (यूपीएससी सीएसई 2020 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले) द्वारा चयनित विशेष पाठ्यक्रम, अर्थात् जीएस फाउंडेशन बैच का तो उल्लेख किया, लेकिन अन्य सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों की जानकारी छिपा दी।

इस जानबूझकर छिपाने के कारण यह भ्रामक धारणा बनी कि बाकी सभी उम्मीदवार भी जीएस फाउंडेशन बैच क्लासरूम कोर्स में नामांकित थे, जबकि ऐसा नहीं था। इसके अलावा, विज्ञापन में संस्थान ने अपने फाउंडेशन कोर्स का प्रमुखता से प्रचार किया, जिसकी फीस लाखों में है। इस प्रकार के आचरण से छात्रों को झूठे और असत्यापित दावों के आधार पर संस्थान के कार्यक्रमों में नामांकन के लिए प्रेरित किया गया।

गहराई से जांच के बाद सीसीपीए ने पाया कि विजन आईएएस ने यूपीएससी सीएसई 2022 और 2023 में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया, लेकिन केवल तीन ने फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया। बाकी 116 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए टेस्ट सीरीज, अभ्यास टेस्ट और मॉक इंटरव्यू प्रोग्राम जैसी सेवाओं का विकल्प चुना।

महत्वपूर्ण जानकारी को जानबूझकर छिपाने से अभिभावकों और उम्मीदवारों को यह विश्वास हुआ कि विजन आईएएस यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सभी चरणों में उम्मीदवारों की सफलता के लिए जिम्मेदार था। यह कृत्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन बन गया।

प्राधिकरण ने बताया कि संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों के साथ बड़े दावों वाले विज्ञापन गुमराह करने वाले थे। छात्रों की अनुमति के बिना ऐसे दावे करके संस्थान ने संभावित उम्मीदवारों को भ्रामक जानकारी दी। प्रिंट मीडिया के मुकाबले वेबसाइट वैश्विक स्तर पर सुलभ होती है और लंबे समय तक उपलब्ध रहती है। यह डिजिटल युग में उम्मीदवारों के लिए कोचिंग संस्थानों की जानकारी के लिए प्रमुख मंच है।

सीसीपीए ने यह भी संज्ञान लिया कि विजन आईएएस पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है। इसके बावजूद, संस्थान ने अपने बाद के विज्ञापनों में भी इसी तरह के दावे करना जारी रखा, जो उचित सावधानी और नियामक अनुपालन की कमी को दर्शाता है। उल्लंघन की पुनरावृत्ति को देखते हुए उपभोक्ताओं के हित में अधिक जुर्माना लगाया गया है।

प्राधिकरण के मुताबिक, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा जैसी अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में, जहां लाखों उम्मीदवार समय, प्रयास और वित्तीय संसाधन लगाते हैं, इस तरह के अधूरे और चयनात्मक खुलासे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करते हैं।

बता दें कि अब तक सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 57 नोटिस जारी किए हैं। 28 कोचिंग संस्थानों पर 1,09,60,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही ऐसे दावों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण ने सभी कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापनों में जानकारी का सत्य और पारदर्शी प्रकटीकरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, ताकि छात्र निष्पक्ष निर्णय ले सकें।

Point of View

NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

विजन आईएएस पर जुर्माना क्यों लगाया गया?
विजन आईएएस पर भ्रामक विज्ञापनों के लिए 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया क्योंकि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा परिणामों को लेकर झूठे दावे किए।
सीसीपीए क्या है?
सीसीपीए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण है, जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करता है।
क्या विजन आईएएस पर पहले भी कार्रवाई हुई है?
हां, विजन आईएएस पर पहले भी भ्रामक विज्ञापन के लिए कार्रवाई की गई है।
इस घटना से छात्रों को क्या सीख मिलती है?
छात्रों को यह सीख मिलती है कि हमेशा संस्थानों की जानकारी की सत्यता की जाँच करें और भ्रामक विज्ञापनों से सावधान रहें।
क्या ऐसे विज्ञापनों के खिलाफ और कार्रवाई की जाएगी?
हां, सीसीपीए ने अन्य कोचिंग संस्थानों के खिलाफ भी भ्रामक विज्ञापनों के लिए कार्रवाई की है और आगे भी करेगा।
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