क्या उत्तर प्रदेश सरकार कांवड़ यात्रा को सुरक्षा और स्वच्छता के साथ संपन्न कर पाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
- स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
- कांवड़ यात्रा मार्गों पर रात में बिजली आपूर्ति की जाएगी।
- गड्ढा मुक्त मार्गों का निर्माण किया जाएगा।
- स्थानीय प्रशासन और ग्राम प्रधानों की सक्रिय भागीदारी होगी।
लखनऊ, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास को भगवान शिव की उपासना का महीना माना जाता है। इस पवित्र महीने में श्रद्धालु तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं और भगवान को पवित्र जल अर्पित करते हैं। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मंगलवार को मीडिया को जानकारी दी कि सरकार का लक्ष्य है कि कांवड़ यात्रा सुरक्षा और स्वच्छता के साथ संपन्न हो।
इस संदर्भ में ऊर्जा और नगर विकास विभाग के अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक आयोजित की गई।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग को यह निर्देशित किया गया है कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर विशेष रूप से रात में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, क्योंकि अधिकांश श्रद्धालु रात्रि में यात्रा करते हैं। नगर विकास के अधिकारियों को भी कहा गया है कि सभी स्ट्रीट लाइट्स को सही करें और यात्रा के सभी मार्गों को गड्ढा मुक्त किया जाए।
पिछले वर्षों में कुछ स्थानों पर डीजे की ऊंचाई अधिक होने के कारण बिजली के तारों से टकराने की घटनाएं हुई थीं। इसे नियंत्रित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा मार्गों पर केवल निर्धारित ऊंचाई वाले डीजे वाहन ही चलें। कांवड़ यात्रियों के रुकने के लिए पंडालों में उचित व्यवस्था और कूड़ा निस्तारण की बेहतर व्यवस्था की जाएगी। कांवड़ यात्रा वाले रूट पर मोबाइल टॉयलेट्स लगवाने का भी निर्देश दिया गया है।
फिरोजाबाद में कांवड़ यात्रियों की बेहतर व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने विस्तृत बैठक की और ग्राम प्रधानों के साथ अलग से चर्चा की। प्रशासन ने जानकारी दी कि कांवड़ यात्रा के दौरान ग्राम प्रधान और स्थानीय लोग पंडाल लगाकर कांवड़ यात्रियों के खानपान और विश्राम की व्यवस्था करते हैं। विद्युत, सिंचाई और जिला पंचायत विभाग के साथ बैठक में यह निर्देश दिया गया कि साफ-सफाई से लेकर खानपान की बेहतर व्यवस्था की जाए।