क्या उत्तर प्रदेश में उपचारिका के खिलाफ मरीजों से अवैध वसूली के मामले में कार्रवाई हुई?

सारांश
Key Takeaways
- उपचारिका को मरीजों से अवैध वसूली के आरोप में निलंबित किया गया है।
- कई डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
- उप मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है।
लखनऊ, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फर्रुखाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में कार्यरत उपचारिका को मरीजों से अवैध वसूली के आरोपों के कारण निलंबित किया गया है। वहीं, कुशीनगर मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप लगाया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की गई है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा संस्थान में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से संबंधित शिकायतों का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उपचारिका विदेह कुमारी पर मरीजों से अवैध वसूली के अलावा अस्पताल में अराजकता फैलाने के आरोप भी हैं।
उपचारिका को निलंबित करते हुए बहराइच के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनाती के आदेश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को निर्देश दिए गए हैं कि उपचारिका को आरोप पत्र देकर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए। वहीं, कुशीनगर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में आब्स एण्ड गायनी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. रूचिका सिंह पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे हैं, जिसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की गई है।
इसके अलावा, आजमगढ़ के सीएचसी में तैनात डॉ. सुरजीत सिंह को हरदोई के जिला चिकित्सालय में मरीजों से दुर्व्यवहार करने और अन्य गंभीर शिकायतों के लिए विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति दी गई है। डॉ. विकास वर्मा पर भी गलत मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का आरोप है, जिसके बाद उनकी वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए रोक दी गई है।
उधर, हमीरपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. गीतम सिंह पर महोबा में उप्र विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासनिक विलम्ब समिति की बैठक में अनुपस्थित रहने का आरोप है, जो शासकीय दायित्वों की लापरवाही का संकेत है। उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, रायबरेली के खीरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. इफ्तिखार अहमद पर महिलाओं से अभद्रता के आरोप हैं, जिसके लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।