क्या संत कबीर के नाम पर उत्तर प्रदेश में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित होंगे?

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क्या संत कबीर के नाम पर उत्तर प्रदेश में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित होंगे?

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत कबीर के नाम पर वस्त्र और परिधान पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। यह योजना प्रदेश में निजी निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह पार्क यूपी की समृद्ध परिधान संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने में सहायक होंगे।

Key Takeaways

  • संत कबीर के नाम पर वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित होंगे।
  • यूपी के हथकरघा उद्योग को नई पहचान मिलेगी।
  • निवेश के लिए 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में 3.5 अरब डॉलर का निर्यात।
  • अधिकतम 1,01,768 रोजगार के अवसर।

लखनऊ, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है।

मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि यूपी पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है, जिसकी क्षमता का सही उपयोग होने पर प्रदेश को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नई पहचान दिलाई जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित योजना को महान संत कबीर के नाम पर समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत कबीर ने अपने जीवन दर्शन में श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता को सर्वोपरि माना और यही भाव इस योजना का आधार बनेगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में वस्त्र एवं परिधान का वैश्विक बाजार वर्ष 2030 तक 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है और भारत इसमें 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ते देशों में है। ऐसे परिदृश्य में उत्तर प्रदेश की भागीदारी इस क्षेत्र में निर्णायक सिद्ध हो सकती है। इस मौके पर प्रस्तुत विवरण के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है।

इस क्षेत्र का प्रदेश की जीडीपी में 1.5 प्रतिशत योगदान है, जबकि राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले लगभग 22 लाख लोग इससे जुड़े हैं। वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्जापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक क्लस्टरों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय परिधान मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र से जुड़े 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये आंका गया है और इसके फलस्वरूप लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है।

प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा और इनमें प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना अनिवार्य होगी। साथ ही बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों के विकास की भी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश प्रस्तावों को शीघ्र गति से क्रियान्वित करने हेतु भूमि की पहचान और विकास कार्य को तेज किया जाए।

उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अथवा नोडल एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा, ताकि निवेशकों को समयबद्ध और सुगम सुविधाएं प्राप्त हों। सरकार की ओर से पार्कों तक सड़क, विद्युत और जलापूर्ति जैसी आधारभूत सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना न केवल निवेश और रोजगार के नए द्वार खोलेगी बल्कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक वस्त्र एवं परिधान मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान भी दिलाएगी।

मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम बुनकरों की उत्पादन लागत कम करने, आय बढ़ाने और परंपरागत वस्त्र उद्योग को नई मजबूती देने के उद्देश्य से बुनकरों के साथ संवाद करने के निर्देश दिए। सरकार बुनकरों की मेहनत का सम्मान करते हुए उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है। बुनकरों से संवाद बनाकर उनकी अपेक्षाओं को जानने और समझने की आवश्यकता है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विभाग द्वारा प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ की यह पहल उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। संत कबीर के नाम पर इस योजना का उद्देश्य न केवल रोजगार सृजन करना है, बल्कि प्रदेश को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाना भी है।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में वस्त्र एवं परिधान उद्योग को बढ़ावा देना और निजी निवेशकों को आकर्षित करना है।
कितने पार्क स्थापित किए जाएंगे?
प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा।
इससे कितने रोजगार के अवसर सृजित होंगे?
इस योजना से लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है।