क्या उत्तर प्रदेश सरकार सभी छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है?
सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा एक्ट को वापस लिया है।
- उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी छात्रों को समान शिक्षा देने की बात की है।
- शिक्षा में भेदभाव खत्म करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
- राज्य की शिक्षा नीति में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- सरकार का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
लखनऊ, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2016 में विधानसभा में पेश किए गए मदरसा एक्ट को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस पर राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करना, सरकार की प्राथमिकता है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य के सभी छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो, ताकि हर बच्चा कल के भारत के निर्माण में अपना योगदान देने के लिए तैयार हो सके। उत्तर प्रदेश इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
मदरसा एक्ट पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "जो कुछ भी गलत है, उसे वापस लिया जाएगा।"
मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने मदरसा शिक्षक सुरक्षा बिल पर कहा, "नियमावली में कुछ विसंगतियाँ थीं। 2016 में यह बिल पास हुआ, उसके बाद राज्यपाल के पास गया, फिर राष्ट्रपति को गया। फिर वहाँ से क्वेरी आई। 2022 में यह फिर विधानसभा में आया। यहाँ विसंगति की रिपोर्ट गई, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया। अब बिल वापस हो चुका है।"
मदरसा एक्ट पर मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। समाजिक शिक्षा के लिए सरकार ने आवश्यक सुधार लाने का प्रयास किया है।
भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी मदरसा एक्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है। हमारे मुख्यमंत्री मानते हैं कि उत्तर प्रदेश को ऐसी शिक्षा दी जाएगी जो देशभक्त पैदा करे, न कि आतंकवादी।"