क्या हर विधानसभा का बनेगा डैशबोर्ड, जनता तक पहुंचेगी विधायक की आवाज?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र विशेष प्रशिक्षण के साथ शुरू हो रहा है।
- एआई तकनीक का उपयोग विधायकों की कार्यप्रणाली में बदलाव लाएगा।
- हर विधानसभा के लिए डैशबोर्ड विकसित किया जाएगा।
- पॉडकास्ट के माध्यम से जनता से संवाद स्थापित किया जाएगा।
- 'विजन 2047' चर्चा सत्र के माध्यम से सशक्त रोडमैप तैयार किया जाएगा।
लखनऊ, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से आरंभ हो रहा है, जो कई पहलुओं में विशेष रहेगा। इस बार विधानसभा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस हेतु विधायकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि यूपी की प्रत्येक विधानसभा का एक डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जो जनता के लिए सूचनाओं का बड़ा भंडार होगा।
महाना ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, "एआई तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में प्रशिक्षण और आवश्यक ढांचे का निर्माण किया गया है। अगले चरण में विधानसभा से संबंधित सभी डेटा एकत्र कर, प्रत्येक विधानसभा के अनुरूप डैशबोर्ड तैयार किया जाएगा। इसमें विभागीय सूचनाएं और जनता से संबंधित जानकारी शामिल होगी। समाज के विभिन्न वर्गों की स्थिति का आकलन भी इसमें किया जाएगा। अभी यह शुरुआत है, आगे इसका विस्तार होगा।"
उन्होंने बताया कि एआई-आधारित डैशबोर्ड में विभिन्न विषयों का डेटा होगा। अगले सत्र से सदन में एआई कैमरा
महाना ने बताया कि यूपी विधानसभा जल्द ही अपना पॉडकास्ट भी शुरू करने जा रही है, जिसके लिए तैयारी चल रही है। महाना ने कहा कि जो विधायक इसमें रुचि दिखाएंगे, उनके साथ साक्षात्कार किए जाएंगे और यह सामग्री उनके क्षेत्र की जनता तक पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने 'विजन 2047' पर 24 घंटे के विशेष चर्चा सत्र की जानकारी देते हुए बताया कि 11 और 12 अगस्त को विधानसभा की कार्यवाही चलेगी, जबकि 13 अगस्त को '2047 में यूपी का विजन डॉक्यूमेंट कैसा हो' विषय पर 24 घंटे से ज्यादा समय तक विशेष चर्चा होगी। इसमें सदस्यों के सुझाव भी शामिल किए जाएंगे, ताकि यूपी का एक सशक्त रोडमैप तैयार किया जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष महाना ने बताया कि इस सत्र में विधायकों को चिप वाले पास दिए जाएंगे, जिससे उन्हें सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सदन की कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव आया है। पहले विधायकों की रुचि कार्यवाही में अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन अब वे अपने क्षेत्र और शहर के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने में सक्रिय हैं और उन पर सकारात्मक चर्चा करते हैं।
महाना ने कहा कि यूपी विधानसभा 25 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका नाम देश-दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर लाना सभी की आकांक्षा है। उन्होंने कहा कि यह गौरवमयी स्थिति केवल भव्य भवन के कारण नहीं, बल्कि ई-विधान व्यवस्था और प्रभावी कार्य संचालन के कारण है। ई-विधान को सबसे पहले लागू करने के लिए हमें केंद्र सरकार से प्रशंसा पत्र भी मिला है।
ज्ञात रहे कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है।