क्या धराली त्रासदी में बचे लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई?

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क्या धराली त्रासदी में बचे लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई?

सारांश

उत्तरकाशी में बादल फटने की त्रासदी ने 11 लोगों को घायल किया, जिन्होंने अपनी भयावह आपबीती साझा की। डॉक्टरों ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता की पुष्टि की। जानें इस घटना की पूरी कहानी और बचे लोगों के अनुभव।

Key Takeaways

  • आपातकालीन स्थिति में चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता महत्वपूर्ण है।
  • घायलों की सुरक्षा और त्वरित बचाव कार्य आवश्यक हैं।
  • सामाजिक सहयोग और एकजुटता संकट के समय बहुत महत्वपूर्ण है।
  • स्थानीय प्रशासन और चिकित्सा विभाग की तत्परता सराहनीय है।
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

देहरादून, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से घायल हुए 11 लोगों को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाद में उन्हें ऋषिकेश के एम्स में रेफर किया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों और डॉक्टरों ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत की। मरीजों ने अपने अनुभव साझा किए, जबकि डॉक्टर ने बताया कि उनके पास हर प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त चिकित्सा संसाधन मौजूद हैं।

डॉ. पीएस पोखरियाल ने कहा कि हमारे पास 11 घायल लोग आए थे, जिनमें से तीन को ऋषिकेश एम्स में भेजा गया, जबकि बाकी मरीजों की हालत स्थिर है।

उन्होंने कहा कि हमारे पास वर्तमान में 45 बेड रिजर्व हैं। अगर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो हमारी चिकित्सा टीम पूरी तरह से तैयार है। किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसके अतिरिक्त, हमारी टीम प्रशासन के संपर्क में लगातार बनी हुई है। यदि किसी मरीज को कोई समस्या होती है, तो हमारी टीम तत्परता से चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकती है।

इस त्रासदी में घायल हुए मरीजों ने अपने अनुभव साझा किए। मरीज अमरदीप सिंह ने बताया, "मैं अपने कैंप में लेटा हुआ था, जब अचानक धमाके की आवाज आई। मुझे लगा कि आर्मी की ओर से शूटिंग हो रही है। लेकिन जब बाहर निकला, तो पता चला कि यह बादल फटने की आवाज थी। हमलोग बहुत मुश्किल से भागकर अपनी जान बचाने में सफल हुए। यह एक भयावह मंजर था। हमारे जवानों ने सभी को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की।"

एक अन्य मरीज गोपाल ने कहा, "मैं यहीं का निवासी हूं और आर्मी के साथ काम करता हूं। हम कुछ लोग वहीं थे, जब बादल फटा। हमने कई लोगों को रेस्क्यू किया, लेकिन कई लोग बह गए। हमें नहीं पता कि हम कैसे बचे। धराली में बादल फटने से गांव के लोग ज्यादा दब गए। कई लोगों का सामान इस हादसे में बह गया।"

Point of View

NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

उत्तरकाशी में बादल फटने का कारण क्या था?
बादल फटने की घटना मौसम की अचानक बदलाव के कारण होती है, जो भारी वर्षा और भूस्खलन का कारण बन सकती है।
बचाव कार्य में कौन सी संस्थाएँ शामिल थीं?
बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और आर्मी के जवान शामिल थे।
क्या घायलों को अस्पताल में उचित चिकित्सा मिल रही है?
हाँ, डॉक्टरों ने बताया है कि सभी घायलों को उचित चिकित्सा और संसाधन उपलब्ध हैं।