क्या उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में आपदा प्रभावितों को नहीं मिल रही सरकारी सहायता?
सारांश
Key Takeaways
- गणेश गोदियाल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- स्थानीय लोगों की स्थिति अत्यंत खराब है।
- सरकार ने आपदा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
- पीड़ितों को उचित सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।
- सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया जिससे स्थिति को छिपाने का प्रयास किया गया।
देहरादून, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में धराली और हर्षिल में आई आपदा के संदर्भ में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हाल ही में धराली और हर्षिल का दौरा किया और वहाँ की स्थिति बेहद चिंताजनक है। लोगों को सरकार से उतनी सहायता नहीं मिल रही है, जितनी उनकी आवश्यकता है।
गोदियाल ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा को धराली जाने से रोकने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि चार महीने बाद भाजपा नेता कर्नल अजय कोठियाल (सेनि) ने वही बातें दोहराई हैं, जो पहले करण माहरा ने कहीं थीं, जो अब सबके सामने आ चुकी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के हर नेता ने चार महीने में धराली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है, लेकिन जब कांग्रेस वहाँ पहुँची, तो सरकार ने अचानक इंटरनेट बंद कर दिया। यह स्पष्ट करता है कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने का प्रयास कर रही है।
गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार ने आपदा में लापता शवों की खोज के लिए कोई प्रयास नहीं किए और केवल 38 लोगों को मुआवजा देने का प्रयास किया है, जबकि अन्य प्रभावितों को अनदेखा किया गया है।
उन्होंने प्रश्न उठाया, "क्या सरकार केवल अपने स्वार्थ के लिए बनी है या लोगों के दुख-दर्द को मिटाने के लिए?"
गणेश गोदियाल ने यह भी कहा कि धराली में सरकार ने जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं किया है। स्थानीय लोगों की स्थिति बहुत खराब है और सरकार ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। धराली के लोग आज भी जीवन की लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार ने उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने हर्षिल में बनी झील के लिए भी सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार ने इसके लिए कोई रोड मैप नहीं तैयार किया है, जिससे भविष्य में और भी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। गणेश गोदियाल ने सरकार से अपील की कि वह धराली और हर्षिल के प्रभावितों के लिए तत्काल कदम उठाए और उन्हें न्याय प्रदान करे।