क्या उत्तराखंड में 'ग्रीन सेस' लागू होगा, राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार की नई पहल?

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क्या उत्तराखंड में 'ग्रीन सेस' लागू होगा, राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार की नई पहल?

सारांश

उत्तराखंड में 'ग्रीन सेस' लागू करने की घोषणा की गई है, जो राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सेस अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर लागू होगा और इससे प्राप्त धनराशि का उपयोग वायु प्रदूषण नियंत्रण और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन में किया जाएगा।

Key Takeaways

  • उत्तराखंड में ग्रीन सेस लागू किया गया है।
  • धनराशि का उपयोग वायु प्रदूषण नियंत्रण में किया जाएगा।
  • मुख्य उद्देश्य: वायु गुणवत्ता में सुधार।
  • ईंधन के स्वच्छ स्रोतों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • राज्य को 100 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है।

देहरादून, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'ग्रीन सेस' लागू करने की घोषणा की है। यह सेस अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर वसूला जाएगा, और इससे प्राप्त धनराशि का उपयोग वायु प्रदूषण नियंत्रण, हरित अवसंरचना और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन पर किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राज्य को स्वच्छ, हरित और प्रदूषण-मुक्त बनाएं। 'ग्रीन सेस' से प्राप्त राजस्व का उपयोग वायु गुणवत्ता सुधार, हरित अवसंरचना और स्मार्ट यातायात प्रबंधन में किया जाएगा।”

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि बोर्ड के अध्ययन के अनुसार देहरादून में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सड़क की धूल (55 प्रतिशत) है, जबकि वाहन उत्सर्जन (7 प्रतिशत) भी एक प्रमुख कारण है। ग्रीन सेस के माध्यम से सड़क धूल नियंत्रण और स्वच्छ वाहन नीति अपनाना शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने का सबसे प्रभावी कदम होगा।

भारत सरकार के 'स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024' में उत्तराखंड के शहरों ने शानदार प्रदर्शन किया है- ऋषिकेश को 14वां और देहरादून को 19वां स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार इस उपलब्धि को और सुदृढ़ करने के लिए ग्रीन सेस से मिलने वाली आय का उपयोग करेगी।

मुख्य उद्देश्य: वायु प्रदूषण में कमी और एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार, पुराने प्रदूषणकारी वाहनों पर नियंत्रण, स्वच्छ ईंधन आधारित वाहनों को प्रोत्साहन, सड़क धूल, वृक्षारोपण और वायु निगरानी नेटवर्क में सुधार।

मुख्य विशेषताएं: बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से 'ग्रीन सेस' वसूला जाएगा। इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन, सोलर और बैटरी वाहनों को छूट दी जाएगी। इससे राज्य को लगभग 100 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की आय होने का अनुमान है। यह राशि वायु निगरानी, रोड डस्ट नियंत्रण, हरित क्षेत्र विस्तार और स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम पर व्यय होगी।

राज्य सरकार ने कहा कि यह पहल उत्तराखंड को 'स्वच्छ वायु-स्वस्थ जीवन' की दिशा में एक नई पहचान देगी।

Point of View

बल्कि राज्य की वायु गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह उपाय अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

ग्रीन सेस किस पर लागू होगा?
ग्रीन सेस अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर लागू होगा।
इससे प्राप्त राशि का उपयोग किस पर किया जाएगा?
इससे प्राप्त राशि का उपयोग वायु प्रदूषण नियंत्रण, हरित अवसंरचना और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन पर किया जाएगा।
क्या इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट मिलेगी?
हां, इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन, सोलर और बैटरी वाहनों को छूट दी जाएगी।