क्या उत्तराखंड में आपदा प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- उत्तराखंड में 35 लाख रुपए का दान
- सेंट जोसेफ अकादमी का 10 लाख का योगदान
- युवा आपदा मित्र योजना के तहत 4310 युवाओं का प्रशिक्षण
- प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन
- समाज की एकजुटता
देहरादून, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उत्तरांचल ग्रामीण बैंक के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान, बैंक प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड में आपदा प्रभावितों की सहायता और पुनर्निर्माण के लिए 35 लाख रुपए से अधिक की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की।
मुख्यमंत्री ने इस सहयोग के लिए बैंक प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योगदान आपदा प्रभावितों की सहायता और पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, "समाज के सभी वर्गों का किया गया यह सहयोग अत्यंत सराहनीय है जो पीड़ितों को राहत प्रदान करने में सहायक होगा।"
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेंट जोसेफ अकादमी, देहरादून के स्कूल प्रबंधन से भी मुलाकात की, जहां अकादमी ने आपदा पुनर्निर्माण के लिए 10 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने सेंट जोसेफ अकादमी के योगदान के लिए भी आभार व्यक्त किया, यह उल्लेख करते हुए कि यह आपदा प्रभावितों की सहायता और पुनर्निर्माण कार्यों में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर आपदा प्रभावित व्यक्ति के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार के तहत 'युवा आपदा मित्र योजना' के अंतर्गत प्रदेश के 4310 युवाओं को आपदा प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन युवाओं को भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, अग्निकांड जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यों की सभी तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि ये युवा ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में त्वरित सहायता प्रदान कर सकें।
राज्य सरकार के अनुसार, इस योजना के तहत एनएसएस स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण एसडीआरएफ जौलीग्रांट में चल रहा है। 4,310 स्वयंसेवकों में एनएसएस के 850, एनसीसी के 1,700, नेहरू युवा केंद्र के 850 और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के 910 स्वयंसेवक शामिल हैं। एसडीआरएफ जौलीग्रांट में 17 बैचों में कुल 1,220 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में 13 अक्टूबर से मार्च 2026 तक चरणबद्ध रूप से चलेगा।