क्या उत्तराखंड के धारचूला में बादल फटा, जिससे गांवों का संपर्क टूटा?

सारांश
Key Takeaways
- बादल फटने की घटना ने कई गांवों का संपर्क तोड़ा है।
- ग्रामीणों ने प्रशासन से हेली सेवा की मांग की है।
- प्रशासन ने तात्कालिक कदम उठाते हुए रेस्क्यू टीम को भेजा है।
- क्षेत्र में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
- अब तक कोई जनहानि नहीं हुई है।
पिथौरागढ़, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मानसून के दौरान उत्तराखंड में लगातार भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हो रही हैं, जो लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना रही हैं। इसी सिलसिले में, पिथौरागढ़ के धारचूला में एक गंभीर बादल फटने की घटना हुई, जिसके कारण कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया। धारचूला तहसील के दारमा वैली स्थित तीजम गांव में देर रात बादल फटने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
घटना मंगलवार रात करीब 12 बजे घटी। बादल फटने की वजह से तीजम गांव को मुख्य क्षेत्र से जोड़ने वाला लकड़ी का पुल बह गया, जिससे गांव का संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है। राहत की बात है कि अब तक किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।
हालांकि, बादल फटने के बाद नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे नजदीकी गांवों में भी खतरे की आशंका बढ़ गई है। ग्रामीणों ने अपने मोबाइल फोन से इस घटना के वीडियो बनाए और प्रशासन को भेजे, जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए।
एक ग्रामीण ने बताया, "एक पुल जो हमारे लिए मुख्य रास्ता था, वह बहकर करीब आधा किलोमीटर दूर चला गया है। यह पुल कई गांवों को जोड़ता था, लेकिन बादल फटने के बाद सुबह यहां पुल नहीं है।"
उन्होंने कहा कि इस पुल से कई बच्चे दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे। अन्य ग्रामीणों का भी आना-जाना होता है। फिलहाल यहां कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया, "हम शासन-प्रशासन से गुजारिश करते हैं कि यहां के लोगों के लिए हेली की व्यवस्था की जाए।"
फिलहाल, हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है। आपदा प्रबंधन विभाग ने घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम को मौके पर भेज दिया है।