क्या उत्तराखंड ने खनन तत्परता सूचकांक योजना में श्रेणी 'सी' में दूसरा स्थान हासिल किया है?

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क्या उत्तराखंड ने खनन तत्परता सूचकांक योजना में श्रेणी 'सी' में दूसरा स्थान हासिल किया है?

सारांश

उत्तराखंड ने 'राज्य खनन तत्परता सूचकांक योजना' में श्रेणी-सी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि को महत्वपूर्ण बताया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को 100 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। यह खनन क्षेत्र में state's commitment और विकास का संकेत है।

Key Takeaways

  • उत्तराखंड ने खनन तत्परता सूचकांक योजना में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
  • राज्य को 100 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
  • यह खनन क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • सभी राज्यों को खनिज संपदा के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
  • सरकार अवैध खनन पर सख्ती से रोकथाम कर रही है।

देहरादून, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित 'राज्य खनन तत्परता सूचकांक योजना' के अंतर्गत उत्तराखंड को श्रेणी-सी में देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है, जिसके फलस्वरूप राज्य को 100 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि खनन मंत्रालय ने राज्य खनन तत्परता सूचकांक और राज्य स्तर की रैंकिंग का खुलासा किया है। भारत सरकार के पत्र के अनुसार, राज्य खनन तत्परता सूचकांक (एसएमआरआई) एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य खनन क्षेत्र में सुधारों को बढ़ावा देना है। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, इसे वित्त मंत्रालय के विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) 2025-26 का हिस्सा बना दिया गया है, जिसमें 5,000 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है, जिसमें तीन खनन सुधार घटक शामिल हैं। इनमें से एक घटक (900 करोड़ रुपए) एसएमआईआरआई रैंकिंग में श्रेणी ए, बी और सी के शीर्ष तीन राज्यों के लिए आरक्षित है। प्रत्येक राज्य इस निधि से 100 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।

राज्यों की निष्पक्ष और तुलनात्मक समीक्षा के लिए उन्हें उनकी खनिज संपदा के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: श्रेणी-ए खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य, श्रेणी-बी मध्यम खनिज संसाधनों वाले राज्य, और श्रेणी-सी सीमित खनिज संसाधनों वाले राज्य, जिसमें उत्तराखंड को रखा गया है।

खनन मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों से खनन लॉटों के आवंटन, निविदा प्रक्रिया, खनन योजना अनुमोदन, पर्यावरणीय अनुमति प्राप्ति आदि से संबंधित कार्यों की सूचना मांगी गई है।

भारत सरकार द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, श्रेणी 'ए' में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात ने शीर्ष स्थान प्राप्त किए हैं। श्रेणी 'बी' में गोवा, उत्तर प्रदेश और असम ने प्रथम तीन स्थान हासिल किए हैं, जबकि श्रेणी 'सी' में पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा ने शीर्ष तीन रैंक प्राप्त की हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जो कि खनन क्षेत्र में राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

प्रदेश के राजस्व में खनन का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल और वैधानिक तरीके से खनन को बढ़ावा दे रही है, और अवैध खनन पर सख्ती से रोकथाम कर रही है। केंद्र सरकार की खनन रैंकिंग में इस उत्कृष्टता का परिणाम है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड की यह उपलब्धि न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह खनन क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इस प्रकार की पहलों से देश की आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड को 100 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि क्यों मिली?
उत्तराखंड ने 'राज्य खनन तत्परता सूचकांक योजना' के अंतर्गत श्रेणी-सी में दूसरा स्थान हासिल किया है, जिसके फलस्वरूप उसे यह राशि मिल रही है।
राज्य खनन तत्परता सूचकांक योजना क्या है?
यह योजना खनन क्षेत्र में सुधारों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
उत्तराखंड की खनिज संपदा की स्थिति क्या है?
उत्तराखंड को सीमित खनिज संसाधनों वाले राज्य के रूप में वर्गीकृत किया गया है।