क्या उत्तरकाशी में 10 दिन बाद राजीव प्रताप का शव मिला है? एसपी ने बताई मौत की वजह

Click to start listening
क्या उत्तरकाशी में 10 दिन बाद राजीव प्रताप का शव मिला है? एसपी ने बताई मौत की वजह

सारांश

उत्तरकाशी में, 10 दिनों के लापता राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को मिला। पुलिस ने बताया कि उनकी मौत का कारण दुर्घटना हो सकता है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की जांच के बारे में।

Key Takeaways

  • राजीव प्रताप
  • गुमशुदगी की रिपोर्ट 19 सितंबर को दर्ज की गई।
  • सीसीटीवी फुटेज जांच में महत्वपूर्ण सबूत मिले।
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आंतरिक चोटें पाई गईं।
  • पुलिस जांच में तेजी लाएगी।

उत्तरकाशी, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 10 दिनों से लापता राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील में प्राप्त हुआ। उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने इस मामले में मौत की कारणों का खुलासा किया।

एसपी सरिता डोभाल ने जानकारी दी कि राजीव के परिजनों ने 19 सितंबर को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला कि राजीव 18 सितंबर की रात अपने दोस्तों के साथ थे। वे दोस्त की गाड़ी में गंगोरी की ओर जा रहे थे। फुटेज में रात 11.39 बजे वह अकेले गाड़ी चलाते हुए दिखे। अगले दिन, उनकी कार दुर्घटना स्थल पर मिली और 28 सितंबर को उनका शव बरामद किया गया।

कोतवाली उत्तरकाशी में 19 सितंबर को राजीव की गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया। वह देहरादून के दीपनगर अजबपुर कलां के निवासी थे। पुलिस ने उनकी तलाश में अभियान चलाया। सीसीटीवी फुटेज में राजीव को 18 सितंबर को रात 11.20 बजे बस अड्डे पर और 11:38 बजे गंगोरी पुल पार करते हुए देखा गया।

उत्तरकाशी बाजार के सीसीटीवी से पता चला कि राजीव रात 10.24 बजे होटल चौहान में अपने दोस्त के साथ था। रात 11.22 बजे वह अकेले गाड़ी चला रहा था। फुटेज के अनुसार, रात 11.39 बजे उनकी गाड़ी गंगोरी पुल पार कर चुकी थी, लेकिन आगे किसी पेट्रोल पंप के कैमरे में नहीं दिखाई दी।

19 सितंबर को गंगोरी के निकट भागीरथी नदी में एक कार को दुर्घटनाग्रस्त स्थिति में पाया गया। वाहन गंगोरी और गरमपानी के बीच गंगोत्री हाईवे से लगभग 50-55 मीटर नीचे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। दुर्घटना स्थल के पास से कार मालिक का बैग और गाड़ी के टूटे शीशे मिले। पुलिस ने 20 सितंबर को आल्टो कार को नदी से बाहर निकाला और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में चेक किया तो गाड़ी में राजीव की एक चप्पल मिली।

28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज में एक शव बरामद हुआ, जिसे परिवार ने राजीव प्रताप के रूप में पहचाना। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने कहा कि शव पर किसी प्रकार के मारपीट के निशान नहीं मिले हैं, लेकिन शरीर के चेस्ट और एब्डोमेन में कुछ आंतरिक चोटें पाई गईं हैं, जो दुर्घटना के समय होना संभव है।

अभी तक की जानकारी के अनुसार, 18 सितंबर की रात राजीव अपने दोस्त के साथ उत्तरकाशी बस अड्डे पर था। खाने के बाद, वह अपने दोस्त की आल्टो कार लेकर उत्तरकाशी से गंगोरी की ओर गया। जब वह वापस नहीं लौटा, तो अगले दिन 19 सितंबर को उसके दोस्त ने पुलिस को सूचित किया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी और अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की विवेचना जारी है।

Point of View

स्थानीय पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद तत्परता से कार्रवाई की। हालांकि, यह घटना कई सवाल उठाती है। क्या यह केवल एक दुर्घटना है, या इसमें कुछ और है? हमें इस मामले की जांच पूरी होने का इंतजार करना होगा।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

राजीव प्रताप का शव कब मिला?
राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील में मिला।
राजीव की गुमशुदगी की रिपोर्ट कब दर्ज हुई थी?
राजीव की गुमशुदगी की रिपोर्ट 19 सितंबर को दर्ज की गई थी।
क्या राजीव प्रताप की मौत के कारण का पता चला है?
पुलिस ने बताया है कि राजीव की मौत का कारण दुर्घटना हो सकता है।
क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई मारपीट के निशान मिले?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई मारपीट के निशान नहीं मिले, लेकिन आंतरिक चोटें पाई गईं।
पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने गुमशुदगी और अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।