क्या उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही हुई? राष्ट्रपति मुर्मू ने जताया दुख, अब तक 20 लोगों का रेस्क्यू

सारांश
Key Takeaways
- उत्तरकाशी की त्रासदी ने फिर से प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को दर्शाया।
- राष्ट्रपति ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
- रेस्क्यू कार्य में आईटीबीपी, एनडीआरएफ और सेना शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों की निगरानी की।
- पहले भी ऐसे घटनाएं हुई हैं, जिनसे हमें सीखने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली/उत्तरकाशी, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को भूस्खलन और बादल फटने की घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तरकाशी त्रासदी पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी बयान में कहा गया, "उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना का समाचार अत्यंत दुखद है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्यों में सफलता की कामना करती हूं।"
इस बीच, पीएम मोदी ने उत्तरकाशी त्रासदी के बारे में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी से जानकारी ली। सीएम धामी ने एक्स पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्हें प्रदेश सरकार, एसडीआरएफ, सेना और अन्य रेस्क्यू टीमों द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तरकाशी त्रासदी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, "उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की घटना दुखद और हृदय विदारक है। घटना के तुरंत बाद सेवा के जवान, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम वहां पहुंच गई है और सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "80 साल पहले भी वहां इस प्रकार की घटना घटित हुई थी। इस समय पूरी सरकार सजग है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पूरा रेस्क्यू कार्य चल रहा है। सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और पूरी घटना पर अपनी पैनी निगाह रखे हुए हैं।"
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा, "मंगलवार दोपहर लगभग 1:45 बजे हर्षिल के पास धराली गांव के पास एक बड़ा बादल फटा। इसके बाद भारी बाढ़ और मलबा गांव में घुस आया, जिससे घरों और निवासियों को भारी नुकसान हुआ। हर्षिल में तैनात भारतीय सेना की इकाई को सूचना मिली और वे 10 मिनट के भीतर ही वहां पहुंच गई। मुश्किल हालातों के बावजूद करीब 20 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। साथ ही जो लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है।"
बता दें कि उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आईटीबीपी, एनडीआरएफ की दो टीमें और सेना की एक टीम राहत कार्य में जुटी हुई है। सेना की टीम में लगभग 80 जवान शामिल हैं।