क्या वैतेश्वरन कोइल मंदिर में 'चिकित्सक के देवता' महादेव की पूजा होती है?
सारांश
Key Takeaways
- वैतेश्वरन कोइल मंदिर में भगवान शिव को 'चिकित्सक' के रूप में पूजा जाता है।
- यहाँ ताड़ के पत्तों पर भविष्यवाणियाँ की जाती हैं।
- मंदिर का इतिहास शासकों के योगदान से भरा है।
- सिद्धामृतम तालाब के जल में औषधीय गुण हैं।
- यह स्थान भक्तों के लिए बीमारियों से मुक्ति का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड का बैद्यनाथ धाम बीमारियों का काल माना जाता है। यह कहा जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग में जाकर दर्शन करने से बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्ति मिलती है।
वहीं, तमिलनाडु के तंजावुर में भगवान शिव को 'चिकित्सक का देवता' माना जाता है और भक्त अपनी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए दूर-दूर से यहाँ आते हैं। इतना ही नहीं, मंदिर में ताड़ के पत्तों पर भविष्यवाणी भी की जाती है, जिससे भक्त अपनी सेहत के बारे में जान पाते हैं।
तमिलनाडु के तंजावुर में मौजूद वैतेश्वरन कोइल मंदिर में भगवान शिव को रोगों से मुक्ति दिलाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। यहाँ भगवान शिव की पूजा वैद्यनाथ या वैथीस्वरन के रूप में होती है, जिसका अर्थ तमिल में है 'वैथी' (चिकित्सक) और 'स्वरन' (भगवान)।
यह मंदिर नवग्रह में से एक मंगल का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो बड़े से बड़े कष्टों को हरने की शक्ति रखता है। इस मंदिर के इतिहास में कई शासकों का योगदान रहा है। यहाँ पांच शिलालेख मौजूद हैं, जिनमें कुलुथुंगा चोल प्रथम के बारे में विस्तार से बताया गया है।
यह मंदिर इतना प्राचीन है कि इसका ज़िक्र शैव नयनारों और तमिल कवियों की कविताओं में मिलता है। यहाँ चोल राजवंश की वास्तुकला और बारीक शैली देखने को मिलती है। मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं, जो इसके इतिहास को गौरवशाली बनाती हैं।
यह मंदिर ताड़ के पत्तों पर आधारित ज्योतिष, जिसे नाड़ी ज्योतिष कहा जाता है, के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ सिद्धामृतम तालाब भी है, जिसका जल औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त तालाब के जल को पीते हैं और अपने प्रियजनों के लिए भी ले जाते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने अपने भक्त अंगहारा को कुष्ठ रोग से मुक्ति दिलाने के लिए चिकित्सक का रूप लिया था। इसी श्रद्धा और भाव के साथ भक्त भगवान शिव के वैथीस्वरन रूप की पूजा करने आते हैं।