क्या हमारा फोकस जनजातीय विकास पर ही रहेगा? वन नॉर्थ ईस्ट की घोषणा पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा
सारांश
Key Takeaways
- वन नॉर्थ ईस्ट का गठन पूर्वोत्तर राज्यों की एकता का प्रतीक है।
- मुख्यमंत्री माणिक साहा का मुख्य लक्ष्य जनजातीय विकास है।
- भाजपा को अपनी जनजातीय मतदाता आधार को सुरक्षित रखने के लिए नए रास्ते खोजने होंगे।
अगरतला, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने मंगलवार को 'वन नॉर्थ ईस्ट' नामक नए राजनीतिक दल की घोषणा पर एक संयमित प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह नया क्षेत्रीय दल पूर्वोत्तर के कई राजनीतिक दलों के विलय से बना है, जिसमें त्रिपुरा में भाजपा की सहयोगी पार्टी टिपरा मोथा भी शामिल है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉनराड के. संगमा और टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर देवबर्मन ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की।
दोनों नेताओं ने इसे पूर्वोत्तर राज्यों की एकता और प्रतिनिधित्व की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस विषय पर कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार काम करने की स्वतंत्रता है। यह उनका निर्णय है। हमारा मुख्य लक्ष्य अब भी मूलनिवासी जनजातीय लोगों का विकास है।
मुख्यमंत्री साहा की यह संयमित प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है, जब भाजपा और उसकी सहयोगी टिपरा मोथा के बीच कई लंबित मुद्दों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इनमें अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान और निर्वासन, टिप्रासा समझौते के अनुपालन में देरी, कोकबोरोक भाषा को बढ़ावा देने की मांग तथा त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के तहत ग्राम समिति चुनावों में विलंब जैसे विषय शामिल हैं।
राज्य में आगामी टीटीएएडीसी और ग्राम समिति चुनावों को देखते हुए वन नॉर्थ ईस्ट का गठन त्रिपुरा की जनजातीय राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। खासतौर पर, टिपरा मोथा का जनजातीय इलाकों में मजबूत जनाधार इस नई पार्टी को राजनीतिक रूप से सशक्त बना सकता है।
दूसरी ओर, भाजपा भी जनजातीय मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विकास और कल्याणकारी योजनाओं के जरिए लगातार प्रयासरत है।
यह नया घटनाक्रम भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक संभावित चुनौती हो सकती है, जो टिपरा मोथा के साथ अपने गठबंधन को बनाए रखते हुए आदिवासी इलाके में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है।