क्या वाराणसी में 'आई लव बुलडोजर' के पोस्टर लगाना सही है?

सारांश
Key Takeaways
- धार्मिक तनाव में वृद्धि हो रही है।
- भाजपा युवा मोर्चा ने बैनर लगाए हैं।
- कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रवैया।
- संवाद और समझ की आवश्यकता है।
वाराणसी, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद के चलते धार्मिक और राजनीतिक तनाव में वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने शहर के मुख्य चौराहों पर 'आई लव बुलडोजर' के बैनर लगवाए हैं।
ये बैनर वाराणसी जिले के प्रमुख चौराहों पर लगाए गए हैं, जिन पर 'आई लव बुलडोजर' लिखा हुआ है।
भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमन सोनकर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जो लोग उत्तर प्रदेश में अशांति उत्पन्न कर रहे हैं, उन्हें हम एक बार फिर से बुलडोजर की याद दिलाना चाहते हैं। उन्हें यह नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में योगी राज है और यहाँ अशांति नहीं फैलाई जा सकती।
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी प्रदेश में अशांति फैलाने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की जा सकती है।
यह विवाद कानपुर के बारावफात जुलूस से शुरू हुआ था, जहाँ 'आई लव मोहम्मद' बैनर लगाने पर हंगामा हुआ। पुलिस द्वारा बैनर हटाने पर मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया, जो बरेली, लखनऊ और अन्य शहरों तक फैल गया। अब हिंदू संगठनों ने 'आई लव महादेव' के बैनर भी लगाए हैं।
बरेली में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया था, जिसके परिणामस्वरूप 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ 7 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं और उन्हें फतेहगढ़ जेल भेजा गया है।
पुलिस ने कुल 10 एफआईआर दर्ज की हैं और 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था।