क्या वाराणसी में हनुमान चालीसा पाठ बजाने पर विवाद खड़ा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- हनुमान चालीसा का पाठ विवाद का कारण बना।
- पुजारी ने धमकी का आरोप लगाया।
- पुलिस ने कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार किया।
- हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
- यह मामला धार्मिक सहिष्णुता पर सवाल उठाता है।
वाराणसी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मंदिर के पुजारी को धमकाने का मामला तेजी से चर्चा में है। विवाद तब शुरू हुआ, जब मंदिर में स्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा था। इस घटना ने हिंदू संगठनों के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया। उन्होंने विरोध करते हुए मौके पर जाकर पुनः हनुमान चालीसा का पाठ किया।
जानकारी के अनुसार, वाराणसी के मदनपुर क्षेत्र में स्थित एक हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा था। आरोप है कि विशेष समुदाय के लोगों ने इस पर आपत्ति जताई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को पुजारी के साथ बहस करते हुए देखा गया। इसके बाद वहां पर अन्य लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
मंदिर के पुजारी ने आरोप लगाया है कि विशेष समुदाय के लोगों ने उन्हें धमकी दी थी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। दशाश्वमेध के एसीपी शुभम कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की।
हालांकि, इस घटना के बाद हिंदू संगठन भड़के हुए हैं। हनुमान सेना ने इस घटना के विरोध में मंदिर के नजदीक जांगमबाड़ी मठ पर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
संगठन के सदस्यों का कहना है कि मंदिर में सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ होता है, लेकिन दूसरे समुदाय के लोग काशी में दिन में 5 बार नमाज पढ़ते हैं, जिससे पूरे काशी में असुविधा हो रही है।
उन्होंने कहा, "मस्जिदों पर लाउडस्पीकर हटवाने के लिए संगठन की तरफ से कई बार प्रयास किए गए। प्रशासन ने भी कई बार कोशिश की है। विरोध के समय लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी जाती है, लेकिन बाद में वे फिर से तेज आवाज में लाउडस्पीकर पर नमाज पढ़ते हैं। सुबह 4 बजे ये लोग तेज स्पीकर में लाउडस्पीकर पर अजान करते हैं।"
हिंदू संगठन के सदस्यों ने चेतावनी दी कि अगर काशी में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं किया गया तो मस्जिदों में नमाज भी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा, "हनुमान जी की शपथ लेते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी भी मस्जिद पर अजान नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए रासुका लगे या हमारा एनकाउंटर हो जाए।"
इसी बीच, संगठन के लोगों ने मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। इसके साथ ही, उन्होंने पुनः चेतावनी दी कि अगर भविष्य में काशी में इस प्रकार की हरकत हुई तो वे चुप नहीं बैठेंगे।