क्या वीबी चंद्रशेखर एक घरेलू क्रिकेट स्टार हैं, जिसे टीम इंडिया में भी मौका मिला?

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क्या वीबी चंद्रशेखर एक घरेलू क्रिकेट स्टार हैं, जिसे टीम इंडिया में भी मौका मिला?

सारांश

भारत के प्रसिद्ध क्रिकेटर वीबी चंद्रशेखर ने घरेलू क्रिकेट में अपने खेल से सभी को प्रभावित किया। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और तेज रन बनाने की कला ने उन्हें विशेष स्थान दिलाया। जानिए उनकी उपलब्धियों और टीम इंडिया में सीमित अवसरों के बारे में।

Key Takeaways

  • तमिलनाडु के प्रमुख बल्लेबाज रहे वीबी चंद्रशेखर ने घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम कमाया।
  • 1988-89 में उन्होंने तेज़ शतक बनाया।
  • टीम इंडिया में सीमित अवसरों के बावजूद, उन्होंने अपनी कला से सबको प्रभावित किया।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वीबी चंद्रशेखर का नाम भारत के प्रमुख क्रिकेटर्स में गिना जाता है, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अद्वितीय प्रदर्शन किया। चंद्रशेखर आक्रामक बल्लेबाजी और तेज़ी से रन बनाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध थे।

वीबी चंद्रशेखर ने रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करते हुए कई यादगार पारियां खेलीं। उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन उन्हें टीम इंडिया में ज्यादा अवसर नहीं मिले।

21 अगस्त 1961 को मद्रास में जन्मे वक्कदै बिक्शेश्वरन चंद्रशेखर, घरेलू स्तर पर तमिलनाडु के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक थे। चंद्रशेखर ने रणजी ट्रॉफी 1987-88 में इस टीम के लिए 551 से अधिक रन बनाए।

1988-89 में शेष भारत के खिलाफ, चंद्रशेखर ने केवल 56 गेंदों में शतक बनाया, जो उस समय किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा प्रथम श्रेणी के मुकाबले में सबसे तेज शतक था।

इस शानदार पारी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की वनडे टीम में चयनित किया गया। भारत ने उस सीरीज को 4-0 से जीता, लेकिन चंद्रशेखर को इस सीरीज में 10, 9, 53 और 1 रन की पारियां खेलने का मौका मिला।

हालांकि, 1989-90 के सत्र में दलीप ट्रॉफी के दौरान उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। चंद्रशेखर ने दो शतक जड़े, जिसके बाद साल 1990 में उन्हें न्यूजीलैंड दौरे पर त्रिकोणीय सीरीज में खेलने का अवसर मिला।

चंद्रशेखर न्यूजीलैंड के खिलाफ बतौर सलामी बल्लेबाज उतरे, लेकिन वे तीन गेंदों में केवल चार रन बनाकर आउट हो गए। इसी सीरीज में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 और 3 रन की पारियां खेलीं।

वीबी चंद्रशेखर कई वर्षों तक रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु के महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे। उन्होंने 1991-92 सीजन में 572 रन बनाए। पेशेवर क्रिकेटर के रूप में गोवा से जुड़ने से पहले, उन्होंने कुछ समय तक तमिलनाडु की कप्तानी भी की।

वीबी चंद्रशेखर ने भारत की ओर से 7 वनडे मुकाबले खेले, जिनमें 12.57 की औसत से केवल 88 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से एक अर्धशतक निकला।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपनी कला से सभी को प्रभावित किया।

चंद्रशेखर ने 81 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 43.09 की औसत के साथ 4,999 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 10 शतक और 23 अर्धशतक निकले। वहीं, 41 लिस्ट-ए मुकाबलों में उन्होंने 26.32 की औसत से 1,053 रन बनाए, जिसमें सात अर्धशतक शामिल हैं।

खिलाड़ी के रूप में संन्यास लेने के बाद, चंद्रशेखर ने कोच के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। 15 अगस्त 2019 को इस महान क्रिकेटर ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

Point of View

वीबी चंद्रशेखर का क्रिकेट करियर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा, बावजूद इसके, उनका घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन प्रशंसा के योग्य है। यह दर्शाता है कि सभी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समान अवसर नहीं मिलते।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

वीबी चंद्रशेखर ने कितने वनडे खेले?
वीबी चंद्रशेखर ने भारत की ओर से 7 वनडे मुकाबले खेले।
उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी कौन सी थी?
चंद्रशेखर ने 1988-89 में शेष भारत के खिलाफ 56 गेंदों में शतक बनाया।
वीबी चंद्रशेखर ने कब संन्यास लिया?
उन्होंने 15 अगस्त 2019 को संन्यास लिया।