क्या वीर बाल दिवस बहादुर साहिबजादों के बलिदान को याद करने का दिन है?: पीएम मोदी
सारांश
Key Takeaways
- वीर बाल दिवस साहिबजादों के बलिदान को याद करने का दिन है।
- यह दिन साहस और धर्म का प्रतीक है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इसे श्रद्धा का दिन बताया है।
- युवाओं के लिए यह एक प्रेरणा का स्रोत है।
- सिख परंपरा और संस्कृति की रक्षा का संकल्प है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इसे सर्वोच्च बलिदान को स्मरण करने के लिए समर्पित एक श्रद्धा का दिन बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “वीर बाल दिवस श्रद्धा का दिन है, जो बहादुर साहिबजादों के बलिदान को याद करने के लिए समर्पित है। हम माता गुजरी जी के अटूट विश्वास और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की अमर शिक्षाओं को याद करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह दिन साहस, दृढ़ विश्वास और धर्मपरायणता का प्रतीक है। उनका जीवन और आदर्श पीढ़ियों तक लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा कि वीर बाल दिवस के अवसर पर धर्म पथ पर अडिग रहे वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को शत-शत नमन। कम आयु में भी उन्होंने धर्म, सत्य और साहस की जो मिसाल दी, वह युगों-युगों तक प्रेरणीय रहेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा, "वीर बाल दिवस पर देश, धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले गुरु गोबिंद सिंह महाराज के चारों वीर साहिबजादों की अमर शहादत को शत-शत नमन। यह दिवस केवल इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी के संस्कार, साहस और राष्ट्रबोध के निर्माण का राष्ट्रीय संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी पहल से वीर बाल दिवस की शुरुआत इस भाव के साथ की गई कि वीर साहिबजादों का अद्वितीय त्याग देश की चेतना, चरित्र और भविष्य की दिशा बने।"
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने लिखा, "धर्म की रक्षा हेतु सर्वस्व बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के साहिबजादों के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन! उनका अदम्य साहस, त्याग और देशप्रेम हमें अन्याय के विरुद्ध खड़े रहने की शक्ति प्रदान करता है। साहिबजादों का साहस और बलिदान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।"
वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बेटों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह की शहादत का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने 9 जनवरी, 2022 को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी।
सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह के सबसे छोटे बेटे, साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह का जन्म आनंदपुर साहिब में हुआ था। 7 दिसंबर 1705 की सुबह ऐतिहासिक चमकौर की लड़ाई के दिन दोनों साहिबजादों को उनकी दादी माता गुजरी के साथ, मुगल अधिकारियों जानी खान और मानी खान रंगहर ने मोरिंडा में हिरासत में ले लिया था।