क्या वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानने वाला क्रिकेट का 'सुल्तान' है?

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क्या वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानने वाला क्रिकेट का 'सुल्तान' है?

सारांश

वीरेंद्र सहवाग, जो सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते हैं, अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने क्रिकेट में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं और अपनी निडरता के लिए प्रसिद्ध हैं। जानिए उनकी उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • वीरेंद्र सहवाग की आक्रामक बल्लेबाजी ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में एक नई पहचान दी।
  • उनका पहला तिहरा शतक भारतीय क्रिकेट का एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।
  • सहवाग ने सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी से प्रेरणा लेकर अपने खेल को निखारा।
  • उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जो उन्हें क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में शामिल करते हैं।
  • सहवाग की निडरता और साहस युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के क्रिकेट के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से हमेशा विरोधी गेंदबाजों पर दबाव बनाकर रखा। यह निडर बल्लेबाज अपनी तेजी से रन बनाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध रहा। सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानने वाले सहवाग ने मास्टर-ब्लास्टर के खेलने के अंदाज को अपनाते हुए आक्रामकता में उनसे भी अधिक नाम कमाया।

20 अक्टूबर 1978 को नजफगढ़ में जन्मे वीरेंद्र सहवाग ने सचिन के खेलने के तरीके, शॉट चयन और मानसिक तैयारी से बहुत कुछ सीखा। वह बचपन से ही सचिन की बल्लेबाजी का अनुसरण करते हुए अपने खेल में धैर्य, तकनीक और आक्रामकता का संतुलन कायम करने की कोशिश करते रहे।

सहवाग ने 1997/98 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा और शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें भारतीय टीम में खेलने का अवसर मिला।

1 अप्रैल 1999 को वीरेंद्र सहवाग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया, जो कि मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ था। इस मैच में सहवाग ने केवल 1 रन बनाए, लेकिन उन्होंने इससे सीख लेकर अपने चौथे वनडे में अर्धशतकीय पारी खेली। इसके बाद, 2001 में उन्हें टेस्ट में डेब्यू करने का अवसर मिला।

वीरेंद्र सहवाग की सटीक टाइमिंग और ताकतवर शॉट्स खेलने की क्षमता उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती थी। उनका स्क्वायर कट सबसे प्रिय शॉट रहा, जिसका वह भरपूर उपयोग करते थे।

शानदार फुटवर्क, बेहतरीन टाइमिंग और असाधारण हाथों की ताकत के चलते सहवाग ने अपनी बल्लेबाजी से कई रेकॉर्ड बनाए। मार्च 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में उन्होंने 375 गेंदों का सामना करते हुए 309 रन बनाए, जिसमें 6 छक्के और 39 चौके शामिल थे। भारत ने यह मैच पारी और 52 रन से जीता।

सहवाग ने इस तिहरे शतक को छक्के के साथ पूरा किया, जबकि कुछ समय पहले ही वह मात्र 5 रन से अपने पहले दोहरे शतक से चूक गए थे। यह किसी भारतीय खिलाड़ी का टेस्ट क्रिकेट में पहला तिहरा शतक था, जिसने उन्हें 'मुल्तान का सुल्तान' बना दिया।

मार्च 2008 में सहवाग ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में 319 रन की पारी खेली, परंतु दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ वह केवल 7 रन से अपना तीसरा तिहरा शतक चूक गए।

8 दिसंबर 2011 को इंदौर में, वीरेंद्र सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 219 रन बनाए और वह दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय बने। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर यह उपलब्धि हासिल कर चुके थे।

वीरेंद्र सहवाग टेस्ट क्रिकेट के एक ही दिन में सर्वाधिक रन बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं। उन्होंने दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ एक ही दिन में 284 रन बनाए।

सहवाग ने भारत की ओर से 104 टेस्ट मैचों में 49.34 की औसत से 8,586 रन बनाए, जिसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल हैं।

उन्होंने 251 वनडे मुकाबलों में 15 शतक और 38 अर्धशतक8,273 रन बनाए। वहीं, 19 टी2021.88 की औसत से 394 रन जोड़े।

क्रिकेट में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सहवाग को 2002 में 'अर्जुन अवार्ड' और 2010 में 'पद्म श्री''आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर'

Point of View

जिन्होंने अपनी शक्ति और निडरता से खेल को नया दिशा दिया। उनका करियर एक प्रेरणा है, जो युवा खिलाड़ियों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

वीरेंद्र सहवाग ने कब क्रिकेट करियर शुरू किया?
वीरेंद्र सहवाग ने 1997/98 में घरेलू क्रिकेट में अपने करियर की शुरुआत की।
सहवाग का सबसे बड़ा स्कोर कौन सा है?
वीरेंद्र सहवाग का सबसे बड़ा स्कोर 319 रन है, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला।
सहवाग की टेस्ट औसत क्या है?
वीरेंद्र सहवाग की टेस्ट औसत 49.34 है।
क्या सहवाग ने सचिन को अपना आदर्श माना?
हाँ, वीरेंद्र सहवाग ने हमेशा सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श माना।
सहवाग को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
सहवाग को 'अर्जुन अवार्ड' और 'पद्म श्री' जैसे कई पुरस्कार मिले हैं।