क्या भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी निवेशक जमकर दांव लगा रहे हैं? 2025 में करीब 65,000 करोड़ रुपए का निवेश!

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क्या भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी निवेशक जमकर दांव लगा रहे हैं? 2025 में करीब 65,000 करोड़ रुपए का निवेश!

सारांश

भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी निवेशकों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। 2025 में अब तक करीब 65,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है। यह निवेश भारतीय बैंकों को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पढ़ें पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • विदेशी निवेशकों की रुचि भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में बढ़ रही है।
  • 2025 में अब तक लगभग 65,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
  • प्रमुख निवेशक जैसे ब्लैकस्टोन और अमीरात एनबीडी भारतीय बैंकों में निवेश कर रहे हैं।
  • यह निवेश बैंकों की स्थिरता और विकास में मदद कर रहा है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।

नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ती जा रही है और 2025 में अब तक लगभग 65,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है।

इन विदेशी निवेशकों में ब्लैकस्टोन, अमीरात एनबीडी, इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी शामिल हैं, जिन्होंने फेडरल बैंक, आरबीआई बैंक, सम्मान कैपिटल, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक जैसे प्रमुख भारतीय निजी बैंकों में निवेश किया है।

प्रतिष्ठित वैश्विक एसेट मैनेजमेंट फर्म ब्लैकस्टोन ने फेडरल बैंक में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 6,196 करोड़ रुपए का निवेश करने का निर्णय लिया है। फेडरल बैंक द्वारा ब्लैकस्टोन को 27.29 करोड़ वारंट्स जारी किए जाएंगे, जिनकी कीमत 227 रुपए प्रति वारंट निर्धारित की गई है।

यूएई के दूसरे सबसे बड़े बैंक अमीरात एनबीडी ने आरबीएल बैंक में 26,853 करोड़ रुपए का निवेश करने का ऐलान किया है। इस सौदे के तहत, अमीरात एनबीडी, आरबीएल बैंक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।

इस महीने की शुरुआत में, सम्मान कैपिटल ने घोषणा की थी कि अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी, एनबीएफसी में एक अरब डॉलर या 8,850 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जिसके बदले में इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी को प्रेफरेंशियल इक्विटी शेयर्स और वारंट्स के माध्यम से 41 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाएगी।

इससे पहले, मई में, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एएमबीसी) जापान ने यस बैंक में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 24.2 प्रतिशत किया गया। इस सौदे की कुल राशि करीब 15,000 करोड़ रुपए थी।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अप्रैल में प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिंकस और सॉवरेन फंड अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी से 7,500 करोड़ रुपए का निवेश जुटाने की घोषणा की थी। इसमें लगभग 5,000 करोड़ रुपए का निवेश वारबर्ग पिंकस द्वारा किया गया, जबकि 2,600 करोड़ रुपए का निवेश अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने किया।

Point of View

भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में सकारात्मक संकेत है। यह निवेश न केवल बैंकों को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि हमारे वित्तीय क्षेत्र की वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ाता है।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में विदेशी निवेश का क्या महत्व है?
विदेशी निवेश भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है और बैंकों की स्थिरता को सुनिश्चित करता है।
कौन-कौन से विदेशी निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं?
मुख्य निवेशकों में ब्लैकस्टोन, अमीरात एनबीडी, और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन शामिल हैं।
क्या यह निवेश भारतीय बैंकों के लिए फायदेमंद है?
हाँ, यह निवेश बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करता है और उनकी विकास क्षमता को बढ़ाता है।
2025 में विदेशी निवेश का कुल आंकड़ा क्या है?
2025 में अब तक लगभग 65,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश किया जा चुका है।
क्या विदेशी निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है?
जी हां, विदेशी निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक प्रभाव डालता है।