क्या विदिशा में बेतवा नदी उफान पर है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- विदिशा में बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं।
- छोटे पुल की स्थिति चिंताजनक है।
- प्रशासन को सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की आवश्यकता है।
- बारिश के कारण जलमग्न होने का खतरा।
विदिशा, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में मानसूनी बारिश के चलते बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। पिछले पंद्रह दिनों में विदिशा, रायसेन और भोपाल जैसे ऊपरी इलाकों में हुई बारिश का प्रभाव अब विदिशा की बेतवा नदी पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
सावन के महीने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या घाटों पर बढ़ गई है। बड़वाले घाट पर कावड़ लेकर श्रद्धालु बेतवा से जल भरने आते हैं। हालांकि, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
विदिशा-अशोकनगर मार्ग पर स्थित पुराने छोटे पुल से आवाजाही जारी है, जबकि यह पुल बेहद जर्जर स्थिति में है और नदी का जलस्तर इसके करीब पहुंच चुका है। नियमित श्रमदान करने वाले हेमंत शर्मा ने चेतावनी दी है कि यह पुल डूबने की स्थिति में है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए।
हेमंत शर्मा ने बताया कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, और यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो पुल और आस-पास के छोटे मंदिर भी जलमग्न हो सकते हैं। प्रशासन को चाहिए कि छोटे पुल को बंद कर नए पुल से ही आवाजाही सुनिश्चित करें।
शंकरलाल तालरेजा ने कहा कि रायसेन में हुई भारी बारिश के बाद बेतवा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगे चलकर वेत्रवती घाट के पास बेतवा और बैस नदियों का संगम होता है, जिससे जलधारा और भी तेज हो जाती है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन को अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए।
बेतवा नदी पर तैनात होमगार्ड जवान परशुराम कुशवाहा ने कहा कि बेतवा नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है और यदि स्थिति बिगड़ती है तो विभाग द्वारा दिए गए बचाव साधनों से राहत कार्य किया जाएगा। फिलहाल छोटे पुल से केवल दोपहिया वाहन और पैदल यात्री गुजर रहे हैं, जबकि बड़ा पुल सामान्य रूप से चालू है।